दिल्ली नगर निगम : चुनाव को लेकर आप हमला कहा-भाजपा को हार का डर

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दिल्ली में अब एक नगर निगम होगा। केंद्रीय कैबिनेट ने मंगलवार को तीनों निगमों के विलय के विधेयक को मंजूरी दे दी। आम आदमी पार्टी (आप) इस मसले पर केंद्र सरकार और भाजपा पर हमलावर है। पार्टी सीधे-सीधे एकीकरण के औचित्य पर सवाल नहीं उठा रही है, लेकिन इसकी जगह केंद्र सरकार की मंशा को कटघरे में खड़ा किया है। 

निगम को एक कर दिया गया। क्या कहेंगे?

सवाल निगमों के विलय का है ही नहीं, मसला इस फैसले के समय पर है। बीते 15 साल से भाजपा निगम में है, केंद्र में भी सात साल से भाजपा सरकार है। अगर दिक्कत थी तो इन लोगों ने विलय का फैसला पहले क्यों नहीं लिया? तीनों नगर निगमों की आर्थिक स्थिति अब खराब नहीं हुई है, वह तो गठन के समय से ही खस्ताहाल है। 15 साल से निगम में भाजपा वालों का जो कुशासन रहा है, उससे आज उसकी विश्वसनीयता संकट में है। सभी विभागों में भ्रष्टाचार का बोलबाला है। सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। आम लोग परेशान हैं। भाजपा को हार का डर है। इसलिए चुनाव टाले गए। निगमों का विलय डरजनित हकीकत का नतीजा है।


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