आम्रपाली की रुकी परियोजनाएं पूरी करने के लिए बैंक आज देंगे 1500 करोड़

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सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आम्रपाली समूह की रुकी हुई परियोजनाओं का निर्माण पूरा करने के लिए सात बैंकों के समूह को मंगलवार यानी 29 मार्च तक 1500 करोड़ रुपये देने का निर्देश दिया है। जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने पाया कि बैंक ऑफ बड़ौदा, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक और यूको बैंक ने पैसे जारी करने की मंजूरी दे दी है जबकि इंडियन बैंक भी सोमवार शाम तक ऐसा करने वाला है।

मंगलवार तक 1500 करोड़ रुपये देने का निर्देश

इसके बाद पीठ ने कहा, हम सभी बैंकों को निर्देश देते हैं कि 29 मार्च को 1500 करोड़ रुपये दे दें, ताकि एनबीसीसी 31 मार्च तक इस पैसे को उपयोग में ले सके। शीर्ष अदालत ने आम्रपाली समूह की रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा कराने का जिम्मा एनबीसीसी को सौंपा है। इसके अलावा पीठ ने 13 अगस्त 2021 को दिए अपने आदेश के उस निर्देश को भी बरकरार रखा जिसमें खातों को एनपीए घोषित करने पर प्रतिबंध लगाया था। पीठ ने कहा, वह रुकी परियोजनाओं के वित्तपोषण में किसी तरह का अड़ंगा नहीं लगाना चाहती। पीठ ने यह भी कहा कि जब भी कोई मामला उसके समक्ष आता है तो जरूरत पड़ने पर वह आरबीआई से सलाह लेगी। अगली सुनवाई 4 अप्रैल को होगी। 

घर खरीदारों के वकील एमएल लाहोटी ने पीठ से कहा, समूह के पूर्व निदेशक प्रेम मिश्रा ने मामला कोर्ट में लंबित होने के दौरान भी फ्लैट, प्लॉट और विला की बिक्री की। उन्होंने कोर्ट से अपील की कि मिश्रा से 85 करोड़ रुपये वसूलने का आदेश दिया जाए। साथ ही खाली पड़े फ्लैटों की नीलामी कर पैसे जुटाए जाएं। शीर्ष अदालत ने 21 मार्च को पिछली सुनवाई में कहा था कि उसकी पहली प्राथमिकता आम्रपाली से घर खरीदने वालों को फ्लैट दिलवाना है।


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