पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा- गर्भ छुपाकर विवाह करना ससुराल वालों के प्रति क्रूरता

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गर्भ छुपाकर विवाह करने वाली महिला को बड़ा झटका देते हुए तलाक को चुनौती देने वाली याचिका पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने कहा कि महिला ने अपना गर्भ छुपाकर विवाह किया और बाद में पति को जानकारी दी जो क्रूरता है।

याचिका दाखिल करते हुए सोनीपत निवासी महिला ने हाईकोर्ट से फैमिली कोर्ट के फैसले को रद्द करने की मांग की जिसके तहत उसके पति को याची से तलाक दिया गया था। याची ने कहा कि उसके पति ने तलाक के लिए जो याचिका दाखिल की थी वह फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दाखिल की थी। 

याची ने कहा कि उसका पति व उसका परिवार दहेज से संतुष्ट नहीं थे। याचिका का विरोध करते हुए पति ने अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट पेश कर दी जो शादी के एक हफ्ते बाद की है। इस रिपोर्ट के अनुसार उस समय याची एक माह की गर्भवती थी। 

इसके बाद याची की मां उसे लेकर गई और गर्भ गिराने की बात कही। कुछ दिन बाद उसे वापस ससुराल छोड़ गई और गर्भ भी नहीं गिरवाया। इसके बाद याची के पति ने डॉक्टर की सहायता से याची का गर्भ गिरवाने में मदद की। इसके साथ ही बताया कि याची जेबीटी शिक्षक है और 27 हजार रुपये वेतन पाती है। खुद को बेरोजगार बताते हुए पति ने कहा कि याची उसे अपने से नीचा दिखाती थी। 

हाईकोर्ट ने इसपर सभी दलीलों को सुनने के बाद कहा कि विवाह के बाद सुहागरात पर यदि पत्नी पति को यह बताए कि वह गर्भवती है तो यह पति और उसके परिवार के प्रति सीधे तौर पर क्रूूरता है। ऐसे में हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले पर सहमति जताते हुए उस पर मुहर लगा दी।


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