जेएनयू में खाने के मुद्दे पर छात्रों में जमकर मारपीट, कई घायल

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जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस में रविवार को कावेरी हॉस्टल में वामपंथी और एबीवीपी से जुड़े छात्रों के बीच जमकर मारपीट हुई। कावेरी हॉस्टल में शाम पांच बजे के करीब नॉन-वेज खाने को लेकर विवाद शुरू हुआ, जोकि बाद में मारपीट तक पहुंच गया। घटना में दस से अधिक छात्रों को चोट लगी हैं। दोनों ही छात्र संगठनों एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप कर रहे हैं। उधर, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों को इस पूरे मामले की जांच रिपोर्ट बनाने का आदेश दिया है। हिंसा के विरोध में जेएनयू के छात्र वसंत कुंज उत्तरी पुलिस स्टेशन पहुंच गए हैं और वहां नारेबाजी करते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

एबीवीपी के जेएनयू इकाई के अध्यक्ष रोहित कुमार ने कहा, ''रामनवमी के मौके पर यूनिवर्सिटी में पूजा के दौरान वाम और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने हंगामा शुरू किया। मांसाहार का कोई मुद्दा नहीं है। समस्या रामनवमी के मौके पर कार्यक्रम को लेकर है।''

जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी ने कहा, ''हम तत्काल मौके पर पहुंचे और डीन व वार्डन से कहा कि ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए। सबको अपने मन का खाने का अधिकार होना चाहिए। यहां शाकाहार हमेशा उपलब्ध रहता है... शाम को लगभग 7.30-7.45 बजे तक हमें पता चला कि एबीवीपी के कुछ गुंडे कुछ जेएनयू छात्रों को पीट रहे हैं। हमने देखा कि एबीवीपी सदस्य कावेरी हॉस्टल के गेट के बाहर से पत्थरबाजी कर रहे हैं, ट्यूबलाइट, लकड़ियों और पत्थरों से हमला कर रहे हैं। उन्होंने महिलाओं से अभद्रता की। हमें किसी की प्रार्थना से कोई समस्या नहीं है। एसएचओ वहीं खड़े थे और उन्होंने कुछ नहीं किया।''

जेएनयू छात्र संघ (जेएनयूएसयू) की पूर्व उपाध्यक्ष और पीएचडी छात्रा सारिका ने कहा कि एबीवीपी जेएनयू में हिंसा पर उतर आई है क्योंकि परिसर में मांसाहार पर प्रतिबंध की उनकी कोशिशों का अन्य छात्रों ने विरोध किया है। 50-60 लोग घायल हो गए हैं।

दक्षिण-पश्चिम के पुलिस उपायुक्त मनोज सी ने कहा, ''फिलहाल स्थित शांत है और दोनों छात्र दल शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्श कर रहे हैं। तहरीर मिलने पर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।''


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