राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ‘अखिल भारतीय प्रशासनिक सम्मेलन‘ का किया शुभारंभ

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राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के राजधानी रायपुर स्थित शांति सरोवर में प्रशासकों, कार्यपालकों और प्रबंधकों के लिए आयोजित अखिल भारतीय प्रशासनिक सम्मेलन का दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर परियोजना के तहत राजयोग एजुकेशन एन्ड रिसर्च फाउंडेशन के प्रशासक सेवा प्रभाग द्वारा ‘स्प्रिचुअलिटी फॉर एक्सीलेंस इन एडमिनिस्ट्रेशन‘ विषय पर यह सम्मेलन आयोजित किया गया।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि जीवन के लिए तन और मन का संतुलन आवश्यक है। जब मन संतुलित रहेगा, तो हमारे विचारांे में उथल-पुथल नहीं होगी। मन शांत रहेगा, हमारी कार्य क्षमता बढ़ेगी, जो हमारे स्वयं के लिए, परिवार और समाज के लिए अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषि मुनियों ने हजारों वर्षाें के शोध के बाद मन को साधने के लिए अध्यात्म और ध्यान का रास्ता बताया है। उन्होंने सम्मेलन में उपस्थित लोगों से तन और मन के संतुलन के लिए समय निकालने और अध्यात्म तथा ध्यान का रास्ता अपनाने का आव्हान किया। उन्हांेने कहा कि स्वस्थ तन के लिए हमारी दिनचर्या और आहार का संतुलित होना आवश्यक हैै। इसी तरह मन के संतुलन के लिए मन की शांति आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम वैश्विक महामारी की दौर से उबरने की कोशिश कर रहे है। संकट के समय में हमारे आहार, विचार और व्यवहार का संतुलन जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा देश और दुनिया में शांति का प्रचार किया जा रहा है। आज के दौर में प्रशासकों और कार्यपालकों के लिए अध्यात्मिक सम्मेलन का आयोजन सराहनीय पहल है। उन्होंने इस आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं दी। 

सम्मेलन में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति गौतम चौरड़िया प्रमुख अतिथि के रूप में शामिल हुए। गृह विभाग के सचिव अरुण देव गौतम, भारतीय तकनीकी संस्थान के डायरेक्टर रजत मूना, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. विष्णु दत्त विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए। संस्था के प्रशासक सेवा प्रभाग की अध्यक्ष राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने मुख्य उद्बोधन दिया। 

सम्मेलन में राजयोगिनी ब्रम्हाकुमारी अवधेश दीदी, राजयोगिनी ब्रम्हाकुमारी कमला दीदी और ब्रम्हाकुमार हरीश भाई सहित संस्था के अनेक पदाधिकारी, सदस्य और प्रबुद्ध नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।


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