दिल्ली हाईकोर्ट: महत्वहीन तरीके से नहीं दिखा सकते लिंग निर्धारण का दृश्य

रणवीर सिंह की फिल्म के खिलाफ याचिका पर की टिप्पणी

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दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को रणवीर सिंह अभिनीत फिल्म जयेशभाई जोरदार के ट्रेलर में भ्रूण के लिंग निर्धारण को दिखाने वाले दृश्य पर चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने फिल्म निर्माताओं से कहा कि अवैध अभ्यास को महत्वहीन व नियमित रूप से नहीं दिखाया जा सकता है। मामले की अगली सुनवाई आज 10 मई को होगी।

कोर्ट ने कहा है कि फिल्म का समग्र संदेश अच्छा हो सकता है, लेकिन यह नहीं दर्शाया जा सकता कि गर्भवती महिला को भ्रूण के लिंग का पता लगाने के लिए सोनोग्राम मशीन से किसी भी क्लिनिक में ले जाया जा सकता है।

नवीन चावला वाली पीठ ने कहा है कि 13 मई को रिलीज होने वाली फिल्म पर आप निर्देश लें अन्यथा हमें रोकना होगा। कोर्ट ने कहा है कि महिला को गुप्त रूप से लिया गया है या यह कानूनी नहीं है यह अभिनेता भी जानते हैं कि यह एक अपराध है। अदालत ने कहा कि जो बात सामने आ रही है वह यह है कि किसी भी गर्भवती महिला को सोनोग्राम मशीन से केंद्र ले जाया जा सकता है और यह नियमित तरीके से किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा है कि दृश्य को महत्वहीन न बनाएं, जिससे यह प्रतीत हो कि कोई भी किसी भी क्लीनिक में जा सकता है और इसे करवा सकता है। फिल्म इस तरह से हो कि लोग जागरूक हो सकें।


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