चारधाम यात्रा: आसान नहीं पहाड़ पर चढ़ाई, जान ले लेगी जरा सी ढिलाई

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समुद्रतल से 11,750 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ में ऑक्सीजन का दबाव काफी कम है। यहां मौसम के खराब होते ही चारों तरफ कोहरा छाने और बर्फबारी से दिन-दोपहर में ही सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। यहां कई यात्रियों को धड़कन बढ़ने, बेचैनी, चक्कर आने और सीने में दर्द की शिकायत होती है, जो हृदयाघात का कारण बनती है।

चारधाम यात्रा आसान नहीं... खास तौर पर उनके लिए जो पूरी तरह से फिट नहीं है। कारण चढ़ाई वाले रास्ते और उस पर बदले मौसम के साथ हवा में ऑक्सीजन की कमी। ऐसे में दिल कमजोर है तो दिक्कत होनी स्वाभाविक है। हालांकि यात्रा मार्ग पर जगह-जगह ब्लड प्रेशर समेत अन्य जरूरी जांच कर यात्रियों को आगाह किया जा रहा है लेकिन डॉक्टरों की सलाह को दरकिनार कर जोश में कम समय में यात्रा पूरे करने निकलने वाले लोग अपनी जान को खतरे में डाल रहे हैं। ऐसे में कोविड हिस्ट्री वालों के लिए भी खतरा बढ़ जाता है क्योंकि स्वस्थ होने के बाद भी उनके फेफड़े उतने मजबूत नहीं माने जाते कि पहाड़ी क्षेत्र में कम ऑक्सीजन वाले वातावरण में चढ़ाई वाली यात्रा का दबाव झेल सकें।


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