विवाह की रस्मों के बीच दूल्हा-दुल्हन ने 'सेव हसदेव' और 'हसदेव बचावा' जैसे संदेश लिखे पोस्टर दिखाए

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छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में हसदेव के जंगलों की कटाई का विरोध अब सामाजिक रूप से भी दिखने लगा है। पिछले दिनों बिलासपुर में हुए एक विवाह समारोह में भी हसदेव की चिंता सार्वजनिक हो गई। विवाह की रस्मों के बीच दूल्हा-दुल्हन ने 'सेव हसदेव' और 'हसदेव बचावा' जैसे संदेश लिखे पोस्टर दिखाए।

बिलासपुर के तखतपुर में भिलौनी निवासी उमेश कौशिक की शादी थी। बिलासपुर के पास हरदी कला की भगवती कौशिक से उनकी शादी थी। जयमाल की रस्म के बाद जब घराती-बराती दोनों पक्षों के लोग एक साथ बैठे थे तभी उमेश और भगवती ने एक-एक पोस्टर उठा लिया। उनके साथ चार-पांच साथी भी ऐसी ही तख्ती लेकर मंच पर आ गए। उस पर हसदेव जंगल को उजड़ने से बचाने का संदेश लिखा था। एकबारगी तो लोगों को बात समझ में नहीं आई। जैसे ही उनकी नजर संदेश पर पड़ी सभी तालियां बजाने लगे।


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