दंतेवाड़ा पुलिस के सामने 42 जवानों की शहादत के जिम्मेदार हाई कोर दंपती नक्सलियों ने सरेंडर किया

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छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा पुलिस के सामने सरेंडर करने वाले हार्डकोर नक्सली दंपती ने नीलावाया मुठभेड़ का खुलासा किया है। दंपती ने बताया कि, ग्रामीणों ने पुलिस के आने की हमें सूचना दी थी। जिसके बाद 30 से 45 मिनट में ही करीब 70 से 100 नक्सलियों ने एंबुश लगा दिया था। जब जवान पहुंचे तो फायर शुरू कर दिया। पुलिस जवान समझकर जिसे पहली गोली मारी, बाद में पता चला वह पत्रकार था। मुठभेड़ स्थल से पत्रकार का कैमरा भी लेकर गए। कैमरा अब भी नक्सलियों के पास है।

दरअसल, मंगलवार को दंतेवाड़ा पुलिस के सामने 42 जवानों की शहादत के जिम्मेदार दंपती ने सरेंडर किया है। हुर्रा कुंजाम 5 लाख और इसकी पत्नी बुधरी माड़वी 2 लाख रुपए की इनामी है। दोनों नीलावाया के अलावा बुरकापाल, मैलावाड़ा, श्यामगिरी समेत कई बड़ी मुठभेड़ों में भी शामिल रहे हैं। सरेंडर के बाद दोनों माओवादियों ने मिडिया से बातचीत में नीलावाया मुठभेड़ की पूरी कहानी बताई। दंपती ने कहा कि जब हम संगठन में थे उस समय हमारा सबसे मजबूत आधार ग्रामीण होते थे।

मजबूत है रेकी टीम

सरेंडर दंपती ने बताया कि, नक्सलियों की रेकी टीम सबसे मजबूत है। फोर्स से जुड़ी छोटी-छोटी जानकारी भी माओवादियों तक पहुंचती है। इसी वजह से किसी भी वारदात को अंजाम देने के लिए प्लानिंग भी आसानी से बना लेते हैं। नीलावाया मुठभेड़ से पहले नक्सली गांव के ही नजदीक जंगल में छिपे हुए थे। जब जवानों के आने की सूचना मिली तो एंबुश लगाया। इसी तरह बुरकापाल, श्यामगिरी में भी वारदात की थी।


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