अनुसूचित जाति के लोगों ने घरों पर लटकाया ‘मकान बिकाऊ’ का बैनर

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सांगवान सिटी में रह रहे अनुसूचित जाति के लोगों ने डॉ. आंबेडकर जयंती पर भंडारा न करने की अनुमति देने पर अपने घरों पर ‘मकान बिकाऊ है’ का बैनर लटका दिया है, उसमें ‘दलित उत्पीड़न से पलायन को मजबूर’ लिखा है। वहीं, इस मामले में सांगवान सिटी के सीएमडी डॉ. नरेंद्र सांगवान ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि कभी कार्यक्रम की अनुमति देने से मना नहीं किया। दूसरी ओर इस मामले में सियासी पार्टियों के नेता भी कूद गए हैं।

सांगवान सिटी में रहने वाले संतोष कुमार ने बताया कि वर्ष 2017 में डॉ. आंबेडकर जयंती प्रशासन की अनुमति से कराना चाहते थे, लेकिन कार्यक्रम से तीन दिन पहले सभी पार्कों और निर्धारित पार्क में पानी भरवा दिया, जिससे कार्यक्रम न कर सकें। 14 अप्रैल 2022 को डॉ. आंबेडकर जयंती पर पार्क में भंडारा कराने की अनुमति मांगी, लेकिन नहीं दी गई।

उन्होंने सांगवान सिटी प्रबंधन पर जातीय भेदभाव और महुआ खेड़ा थानाध्यक्ष पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगाया। पीड़ित संतोष गौतम, दीक्षा देवी, मंजू लता, पूनम, ब्रह्मा देवी आदि ने डीएम, एसएसपी, मुख्यमंत्री, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष, प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है।

वहीं, अनुसूचित जाति के लोगों का उत्पीड़न और पलायन करने की सूचना पर सपा के जिलाध्यक्ष गिरीश यादव भी पहुंच गए। उन्होंने पीड़ितों से बातचीत के बाद कहा, उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। प्रशासन व शासन को इस मामले में उचित कार्रवाई करनी चाहिए। आम आदमी पार्टी के नेता राजेश सैनी, जिला सह प्रभारी सुनील कुमार यादव व जिला सह प्रभारी ठाकुर नरेंद्र सिंह ने इस घटना की निंदा की है।


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