हिमाचल के 53 एनजीओ को नहीं आएगा विदेशों से फंड

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हिमाचल प्रदेश में 53 स्वयंसेवी संस्थाओं (एनजीओ) के वैधता प्रमाणपत्र की समयसीमा खत्म हो गई है। अब इन एनजीओ के लिए विदेशों से फंड नहीं आएगा। किसी ने नवीकरण नहीं किया तो किसी ने प्रमाणपत्र लेने की औपचारिकताएं पूरी नहीं की हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर इनके नाम साझा किए हैं। ये संस्थाएं पहले विदेशी फंड विनिमय अधिनियम (एफसीआरए) के तहत विदेशी सहायता के लिए पंजीकृत रही हैं। इनमें कांगड़ा, शिमला, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, मंडी, सिरमौर आदि जिलों की संस्थाएं शामिल हैं।

इनमें प्रमुख संस्थाएं बौद्धिचिता वेलफेयर कांगड़ा, मैप्पल लीप अस्पताल कांगड़ा, द पालमपुर रोटरी आई फाउंडेशन, द बीर शाक्या लामाज सोसायटी, दोरजोंग मोनास्टिक इंस्टीट्यूट चैरिटेबल ट्रस्ट ताशी जोंग कांगड़ा, थांगडे गत्सल गांव कांडी धर्मशाला, ग्युतो तांत्रिक मठ पीओ सिद्धबाड़ी धर्मशाला, धागपो शेड्रुप लिंग मोनास्टिक कल्चरल सोसायटी कुल्लू, लैयूल आदिवासी कल्याण संघ मनाली, डेचेन चोईखोर महाविहार ट्रस्ट भुंतर, यांगचेन छोलिंग मठ वीपीओ पंगमो स्पीति आदि शामिल हैं। अन्य संस्थाओं में दिव्य मानव ज्योति अनाथालय मंडी, सहयोग बाल श्रवण विकलांग कल्याण समिति मंडी, हिमाचल हरिजन कल्याण संस्था ठियोग, साईं इंजीनियरिंग फाउंडेशन न्यू शिमला, श्री सत्य साई ट्रस्ट श्री सत्य साई ट्रस्ट शिमला, आईआईआरडी शिमला, सोसायटी फॉर सोशल एक्शन फॉर रूरल डेवलपमेंट कफोटा, मदरसा क्वाड्रिया सिरमौर आदि संस्थाएं भी शुमार हैं


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