टीडीएस बकाये के आधार पर कंपनियों के खिलाफ शुरू नहीं होगी दिवालिया प्रक्रिया

feature-top

राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने कहा कि स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) बकाये को आधार बनाकर किसी भी कंपनी के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकती है। एनसीएलएटी ने एनसीएलटी की कोलकाता पीठ के एक आदेश को खारिज करते हुए कहा, कंपनी का एक परिचालक ऋणदाता टीडीएस बकाया की वसूली के लिए दिवालिया एवं ऋणशोधन अक्षमता कानून (आईबीसी) की प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं कर सकता है।

टीडीएस का भुगतान नहीं करने के परिणामों का जिक्र आयकर अधिनियम,1961 में है। आयकर अधिकारियों के पास इस दिशा में समुचित कदम उठाने की शक्तियां हैं। पीठ ने कहा, एनसीएलटी ने मामले में टीडीएस नहीं जमा करने को चूक मानते हुए कर्जदार कंपनी के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का आदेश देकर गंभीर त्रुटि कर दी है।

यह सोचना हमारा काम नहीं है कि टीडीएस का भुगतान हुआ या नहीं। एनसीएलएटी ने परिचालक ऋणदाता पर प्रक्रिया के दुरुपयोग के लिए एक लाख का जुर्माना भी लगाया। एनसीएलटी ने टीम टॉरस रियल्टी एंड इंन्फ्रा की ओर से 66,884 और 1.10 लाख रुपये की दो टीडीएस किस्तों का भुगतान नहीं करने पर उसके खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था।


feature-top