पर्चा लीक पर पत्रकारों के उत्पीड़न को लेकर सपा का वॉकआउट

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पेपर आउट का खुलासा करने वाले पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सपा ने मंगलवार को विधान परिषद से वॉकआउट किया। कार्यस्थगन प्रस्ताव केजरिए चंदौली में पुलिस उत्पीड़न और बलिया के पेपर आउट का मामला प्रमुखता से उठाया गया। हालांकि, नेता सदन स्वतंत्रदेव सिंह ने विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद बताया।

सपा के डॉ. राजपाल कश्यप ने कहा कि भाजपा सरकार में हत्या, बलात्कार और लूट की ताबड़तोड़ घटनाएं हो रही हैं। चंदौली के सैयद राजा थाना क्षेत्र के मनराजपुर गांव में घर में घुसकर पुलिस के मारपीट करने से एक लड़की की मौत हो गई। सपा के ही लाल बिहारी यादव ने कहा कि बलिया में यूपी बोर्ड का अंग्रेजी का पेपर आउट हुआ। आउट पेपर को पत्रकारों ने डीएम के मोबाइल फोन पर भेजा तो तीन पत्रकारों को गंभीर धाराओं में जेल भेज दिया गया। उन्होंने कहा कि पेपर आउट करने में संलिप्त स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई पर कोई एतराज नहीं लेकिन कम से कम चौथे स्तंभ का तो इस तरह उत्पीड़न नहीं किया जाए। 

सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने कहा कि नियम-105 के नोटिस में चंदौली की घटना का जिक्र है, इसलिए सपा के सदस्य अपनी बात को वहीं तक सीमित रखेंगे तो ठीक रहेगा। नेता प्रतिपक्ष संजय लाठर ने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़े बताते हैं कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बद से बदतर स्थिति में पहुंच गई है।

नेता सदन स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले यूपी में कानून-व्यवस्था का हाल सबने देखा। आज बाहर से आए ऑब्जर्वर भी यहां की शांतिपूर्ण व्यवस्था की तारीफ कर रहे हैं। इसे झूठ का पुलिंदा बताते हुए सपा के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। सत्ता पक्ष ने कहा कि विपक्ष को अपने आरोपों का जवाब सुनने का भी साहस नहीं रह गया है। इसके बाद बसपा के दिनेश चंद्रा, भीमराव अंबेडकर और अतर सिंह राव ने लखनऊ के जानकीपुरम क्षेत्र में नाबालिग छात्र की हत्या और इस मामले में पुलिस के उपेक्षात्मक रवैये को विस्तार से रखा।


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