अरुणव के पिता बोले- बेटे की गलती थी तो दे सकते थे और कोई सजा

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पीएसी कॉलोनी निवासी सत्य प्रकाश सिंह व उनका पूरा परिवार बेटे अरुणव सिंह (17) की मौत के बाद टूट चुका है। पिता का कहना है कि बेटे ने गलती की थी तो उसे गोली मारने की जगह कोई और सजा दे देते। छात्रा के पिता ने एक बार भी शिकायत की होती तो वह स्वयं बेटे को कड़ी से कड़ी सजा देते। रुंधे हुए गले से पिता ने बताया कि परिवार में किसी भी सदस्य को इसकी भनक नहीं थी कि वह किसी लड़की से बातचीत करता है या उससे मिलने जाता है। वह सुबह टहलने जाया करता था और फिर दिनभर वह मां के साथ घर में ही रहता था। उनके परिवार को तो काफी देर बाद घटना की जानकारी हुई। सुबह सात बजे करीब उनकी पत्नी संध्या सिंह ने बेटे के मोबाइल पर कॉल की। तब किसी पुलिसकर्मी ने बताया कि उसे गोली लगी है.

दो बेटों में छोटा था अरुणव यह सुनकर वह अचेत होकर गिर गई। वह मौके पर पहुंचे तो पता चला कि बेेटे की मौत हो चुकी है। मूल रूप से सुल्तानपुर जिले के कादीपुर तहसील करौदी कला थाना के गुदरा गांव निवासी सत्य प्रकाश नैनी के पीएसी कॉलोनी में बीते चार दशक से परिवार के साथ रह रहे हैं। वह एलआईसी अभिकर्ता हैं और उनके दो बेटों में बड़ा आदित्य उर्फ उत्कर्ष स्नातक तृतीय वर्ष का छात्र है और अरुणव छोटा बेटा था।

नैनी में छात्रा को गोली मारने व 11वीं के छात्र की हत्या के मामले में आगे की कार्रवाई छात्रा के बयान के बाद होगी। इस मामले में आरोपी पिता को जेल भेज दिया गया है और नामजद दो भाइयों के संबंध में विवेचना जारी है। पुलिस अफसरों का कहना है कि छात्रा की हालत अभी ऐसी नहीं है कि उसका बयान लिया जा सके। उसके बयान के बाद ही अन्य दोनों आरोपियों के संबंध में आगे की कार्रवाई होगी.

मामले में आरोपी पिता सुनील मिश्रा को जेल भेजा जा चुका है। जबकि मृतक अरुणव के परिजनों की ओर से आरोपी के दो बेटों को भी नामजद कराया गया है। आरोप है कि घर से बुलाकर उनके बेटे की हत्या की गई। पुलिस अफसरों का कहना है कि घटना की एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी अस्पताल में भर्ती छात्रा है। ऐसे में उसका बयान मुकदमे के लिए बेहद अहम है। कोशिश की जा रही है कि उसका बयान दर्ज किया जा सके। लेकिन फिलहाल डॉक्टरों ने इसकी अनुमति नहीं दी है। घटना के बाद दोनों भाइयों से भी पूछताछ की गई थी। लेकिन उनके संबंध में निर्णय छात्रा के बयान के बाद ही लिया जाएगा।


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