हिमाचल में पहली बार हाइड्रोपोनिक्स विधि से उगाई जाएगी स्ट्राबेरी

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पहली बार हाइड्रोपोनिक्स विधि से स्ट्राबेरी उगाई जाएगी। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) शिमला हाइड्रो पोनिक्स विधि से पौधे तैयार कर सूबे के स्ट्राबेरी उत्पादकों को बांटेगा। पहली बार शिमला के ढांडा फार्म में पौध तैयार की जा रही है। इसे जल्द बागवानों को उपलब्ध करवाया जाएगा। बागवानों के लिए स्ट्राबेरी के पौधों की मांग अधिक है, लेकिन इसकी आपूर्ति कम हो रही है। अब इसकी पौध तैयार होने से बागवानों की समस्या काफी हद तक कम होगी।

इस विधि से पानी में मीडियम डालकर स्ट्राबेरी की पैदावार कर सकते हैं। देश में स्ट्राबेरी की खेती 1960 में सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के कुछ पहाड़ी क्षेत्रों में की गई थी। राज्य में इसका उत्पादन पिछले वर्ष 550 टन था। राज्य में कम से कम 250 उत्पादक 60 हेक्टेयर से कम पर स्ट्राबेरी पैदा कर रहे हैं। स्ट्राबेरी अब राज्य के सिरमौर, कुल्लू, ऊना, शिमला और कांगड़ा जिलों में पैदा हो रही है।


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