- Home
- टॉप न्यूज़
- रायपुर
- महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ माकपा की रैली और सभा
महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ माकपा की रैली और सभा
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय समिति ने आह्वान के द्वारा 25 से 31 मई को पूरे देश भर में मंहगाई और बेरोजगारी के खिलाफ देशव्यापी अभियान के तहत माकपा कार्यकर्ताओं ने रायपुर में रैली निकालकर जबर्दस्त प्रदर्शन और आमसभा की तथा केंद्र सरकार से पेट्रो पदार्थों पर उत्पाद शुल्क खत्म करने की मांग की । रायपुर में डंगनिया से रैली निकाला गया जो नगर भ्रमण के बाद बाजार में एक बड़ी सभा में तब्दील हो गई । इस मौके पर आमसभा को संबोधित करते हुए माकपा नेता धर्मराज महापात्र ने कहा कि बढ़ती महंगाई की सबसे बड़ी मार इस देश के शहरी-ग्रामीण गरीबों, वंचितों और आर्थिक रूप से कमजोर तबकों पर पड़ रही है। यह महंगाई भाजपा की मोदी सरकार की नीतियों की उपज है, जिसके राज में वर्ष 2014 के मुकाबले पेट्रोल-डीजल-गैस की कीमतों में कमरतोड़ वृद्धि हुई है और जिसका सीधा प्रभाव हमारे उत्पादन और माल की कीमतों पर पड़ता है। इस महंगाई ने हमारे देश औद्योगिक विकास और आजीविका और रोजगार को भी प्रभावित किया है और कोरोना संकट से जुड़कर बेरोजगारी चरम पर पहुंच चुकी है। पिछले साल की तुलना में आज सकल महंगाई दर 8% है -- यानी बाजार में पिछले वर्ष के 100 रुपये की जगह आज 108 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। सब्जियों के दाम में 20%, फलों में 5%, मसालों में 11%, खाद्य तेलों में 23%, दालों में 8%, दूध में 7%, आलू में 30%, टमाटर में 113% और गेहूं के भाव में 14%, परिवहन भाड़ों में 11% तथा बिजली की दर में 10% की वृद्धि हुई है। पेट्रोल-डीजल-गैस की कीमतों में एक साल में ही 70% से ज्यादा की वृद्धि हुई है। इस अभूतपूर्व महंगाई ने गरीबों की कमर ही तोड़ दी है, क्योंकि महंगाई के अनुपात में उनकी मजदूरी में तो वृद्धि हुई ही नहीं है।
पार्टी नेता एस सी भट्टाचार्य, प्रदीप गभने, शीतल पटेल, के के साहू ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना संकट से हमारी अर्थव्यवस्था अभी तक नहीं उबरी है और आम जनता मजदूरी में गिरावट और बेरोजगारी का सामना कर रही है। हमारे देश की गरीब जनता अपनी कुल आय का 50% से ज्यादा अपने जिंदा रहने के लिए खाने-पीने के सामान पर ही खर्च करती है। इस महंगाई ने खाद्यान्न खर्च को बढ़ाया है और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए उन्हें अपने आहार-खर्च में कटौती करनी पड़ रही है। इससे आम जनता के जीवन स्तर में भयंकर गिरावट आई है और वे कुपोषण का शिकार हो रहे हैं। प्रतिकूल मौसम के कारण इस साल गेहूं के उत्पादन में भयंकर गिरावट आई है, जबकि पिछले वर्ष मोदी सरकार ने सस्ते में 70 लाख टन गेहूं का निर्यात कर दिया था। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर पिछले साल का आधा गेहूं भी इस साल सरकार खरीद नहीं रही है। इससे राशन दुकानों से वितरण के लिए अनाज ही उपलब्ध नहीं रहेगा। खाद्यान्न संकट के नाम पर कालाबाज़ारी और जमाखोरी का बड़ा खेल चल रहा है, जिससे कॉर्पोरेटों और अनाज-मगरमच्छों की ही तिजोरियां भर रही है।गरीब जनता बाजार की लूट का शिकार हो रही है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी मांग कर रही है कि : पेट्रोल-डीजल-गैस पर लगाये जा रहे सभी प्रकार के सेस/सरचार्ज (जो उत्पाद शुल्क का 95% होता है) वापस लो और 2014 के स्तर पर इनकी कीमतों को लाओ। राशन दुकानों से सभी लोगों को गेहूं, चावल, दाल, तेल सहित सभी जीवनोपयोगी वस्तुओं को सस्ते दरों पर वितरित करो। आयकर दायरे से बाहर के सभी परिवारों को प्रति माह 7500 रुपये की नगद मदद दो। मनरेगा में सभी जरूरतमंद परिवारों को हर साल 200 दिन काम, 600 रुपये रोजी दो। बकाया मजदूरी दो। शहरी गरीबों के लिए रोजगार गारंटी योजना शुरू करो और बेरोजगारी भत्ता देने के लिए एक केंद्रीय कानून बनाओ। पार्टी ने डंगनिया खदान बस्ती के बाशिंदों सहित झुगिवासियो को राज्य सरकार से अपने वादे के अनुरूप स्थाई पट्टा दिए जाने की मांग भी की ।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के इस रैली में राज्य सचिव मंडल सदस्य कामरेड धर्मराज महापात्र माकपा के जिला सचिव प्रदीप गभने ,के के साहू, शीतल पटेल, अजय कन्नौजे,भाऊ राम वर्मा, ज्वालाप्रसाद देवांगन, रबी सोनी, राकेश लोधी, राहुल यादव, दीपक बर्वेकर, पुष्पा वर्मा गोदावरी तारक, सुरेश देवांगन राधेलाल ,भावना वर्मा, विमला साहू ,दिलीप साहू ,शीतल पटेल नेमसिंह ,चंद्रकुमार पटेल ,भावेश साहू, शैलेंद्र लोधी ,पप्पू यादव ,अमित ध्रुव तिलक देवांगन गलेश्वर, निर्मला पटेल सहित सैकड़ो नागरिक शामिल थे ।
About Babuaa
Categories
Contact
0771 403 1313
786 9098 330
babuaa.com@gmail.com
Baijnath Para, Raipur
© Copyright 2019 Babuaa.com All Rights Reserved. Design by: TWS