कलेक्टर ने प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत व्यवस्था के लिए अधिकारियों को दिए निर्देश

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महासमुंद कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने विगत दिवस जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आगामी मानसून 2022 में प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत व्यवस्था करने के संबंध मंे अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी को प्राकृतिक आपदा के समय अस्पतालों में 108 वाहन, आपातकालीन मोबाईल चिकित्सा दल तथा ड्राईवर सहित एम्बूलेंस की व्यवस्था, तत्कालीन उपचार के लिए दवाई एवं इन्जेक्शन की व्यवस्था करने, जीवन रक्षक दवाई, मौसमी बीमारी की दवा कीट, क्लोरीन टेबलेट वर्षा ऋतु में सर्पदंश आदि के प्रकरणों में पर्याप्त एण्टीवेनम इंजेक्शन रखने, बाढ़ आपदा चिकित्सा दल का गठन कर चिकित्सा दल की सूची उपलब्ध कराने के निर्देश दिए

. इसी प्रकार जिला सेनानी, नगर सेना को प्राकृतिक बाढ़ आपदा की बचाव के लिए बचाव दल को तैयार रखने एवं तैराकों की व्यवस्था, मोटर बोट चालू हालत में रखने, कोविड-19 का गाईड लाईन का पालन करते हुए बचाव दल के लिए पर्याप्त मात्रा में मास्क व सेनेटाईजर उपलब्ध कराने को कहा । नगरीय निकाय के अधिकारियों को टैंकर के माध्यमों से शुद्ध पेयजल की व्यवस्था करने, सभी नाली व गलियों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव एवं साफ-सफाई कराने के निर्देश दिए। जिससे मौसमी बीमारियां जैसे उल्टी, दस्त, पीलिया आदि का फैलाव न हो। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी सेवा संभाग को बाढ़ की स्थिति में राहत शिविरों में शुद्ध एवं साफ पेयजल उपलब्ध कराने, कुआं, हैंडपम्प, नलकूपों एवं जल स्त्रोतों के आस-पास साफ-सफाई कराने सहित ब्लीचिंग पाउडर आदि की व्यवस्था संबंधित विभागों के माध्यम से सुनिश्चित करने केे निर्देश दिए। खाद्य विभाग को आवश्यकतानुसार संभावित बाढ़ प्रभावित ग्रामों के राशन दुकानों में पर्याप्त मात्रा में खाद्यान्न चांवल एवं दाल, जलाऊ लकड़ी, कंडा, केरोसीन प्रत्येक शिविर में भण्डारण सुनिश्चित कराने एवं हितग्राहियों को यथा समय उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। छत्तीसगढ़ विद्युत वितरण कंपनी को मानसून के समय निर्बाध गति से विद्युत व्यवस्था सुनिश्चित हो इसके लिए मानसून से पूर्व विद्युत तार के आस-पास के पेड़ों की छटाई-कटाई, होर्डिंग्स, पोल, विद्युत तारों की मरम्मत आदि समय पूर्व सुनिश्चत करने कहा। जल संसाधान संभाग को वर्षा काल में नदी-नालें के जल स्तर बढ़ने एवं गंगरेल जलाशय तथा पतोरा जलाशय से पानी छोड़ने की सूचना एवं अन्य जगहों की जल भराव की जानकारी निर्धारित समय से पूर्व संबंधित गांवों में उपलब्ध कराने, प्रतिदिन जल स्तर की जानकारी कंट्रोल रूम को देना सुनिश्चित करें.

पुलिस प्रशासन को प्राकृतिक आपदा के समय बचाव के लिए पुलिस सहायता केन्द्र की स्थापना एवं सुरक्षा व्यवस्था करने, वन विभाग को बांस-बल्ली आदि की व्यवस्था करने, भू-अभिलेख शाखा को बाढ़ प्रभावित ग्रामों की सूची एवं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की नक्शा उपलब्ध कराने एवं शासन को निर्धारित प्रपत्र में जानकारी उपलब्ध कराने तथा तहसील स्तर पर वर्षा मापी यंत्रों की स्थापना करने के निर्देश दिए।mmmm उन्होंने जिले के सभी एसडीएम एवं तहसीलदार को बाढ़ आपदा बचाव के लिए तहसील स्तर पर कंट्रोल रूम की स्थापना करने एवं प्राकृतिक आपदा से हुई फसल क्षति, मकान क्षति, जनहानि प्रकरणों पर आर.बी.सी. 6-4 के तहत प्रभावित व्यक्तियों को तत्काल आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश दिए। मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को प्राकृतिक आपदा के बचाव के लिए सरपंच, सचिव को सतर्क रखने एवं सूचना देने के संबंध में राहत शिविर लगाने, लोक निर्माण विभाग को बाढ़ आपदा से पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हो जाने पर आमजनों के लिए तत्काल आवागमन की व्यवस्था करने, मत्स्य पालन विभाग को बाढ़ प्रभावित ग्रामों की अच्छे तैराकों एवं मछुआ समिति के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की मोबाइल नम्बर एवं सूची उपलब्ध कराने, कृषि विभाग को बाढ़ प्रभावित ग्रामों की फसल क्षति की जानकारी उपलब्ध कराने, किसानों के लिए आवश्यकतानुसार मिनी कीट उपलब्ध कराने, पशु चिकित्सा विभाग को बाढ़ एवं बीमारियों की स्थिति में मवेशियों के लिए सुरक्षित स्थानों में रखने एवं उनके लिए चारा-पानी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।


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