घटती बचत और महंगे कर्ज के बीच बनाएं संतुलन

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इट स्टैंडर्ड वेंचर्स एलएलपी के मैनेजिंग पार्टनर वकार नकवी का कहना है कि आरबीआई की ओर से नीतिगत दरें बढ़ाने के बाद ईपीएफ खाते पर ब्याज दर में कटौती ने आम लोगों को बड़ा झटका दिया है। लगातार बढ़ रही महंगाई के बीच लोगों को इस प्रकार की योजना बनाने की जरूरत है, जिससे आपको जमा पर ज्यादा ब्याज मिले और लोन की किस्त कम हो।

इसका सबसे कारगर तरीका है कि आप उन बैंकों या वित्तीय संस्थानों का रुख करें, जो जमा पर आपको ज्यादा ब्याज दे रहे हैं और सस्ता लोन दे रहे हैं। दरअसल, ब्याज दरों में अब तक की बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा असर लोन ले चुके पुराने ग्राहकों पर पड़ रहा है क्योंकि उन्हें ज्यादा ब्याज देना पड़ रहा है।

नए ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए बैंक या वित्तीय संस्थान उन्हें कम ब्याज पर लोन दे रहे हैं। ऐसे में बेहतर है कि आप भी नया ग्राहक बनकर अपने लोन को किसी और बैंक या वित्तीय संस्थान में ट्रांसफर करा लें। लोन लेने की अवधि से दो साल तक जितना संभव हो, पुनर्भुगतान करें क्योंकि कर्जदाता संस्थाएं पहले दो साल में ही लोन का ब्याज वसूलती हैं।

ऐसे में अगर आप कुछ पैसा जमा कर देते हैं तो आपकी किस्त में मूलधन ज्यादा कटेगा और ब्याज कम कटेगा। इससे लंबी अवधि में बड़ी बचत होगी।

दूसरी ओर, पीएफ खाते पर मिल रहे कम ब्याज का भी हल आप निकाल सकते हैं। इसके लिए पीएफ से कुछ पैसे निकालकर ऐसी योजनाओं में लगाएं, जिसमें आपको 8.1 फीसदी से ज्यादा ब्याज मिल रहा हो।


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