अगस्त से और महंगा होगा कर्ज

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अगस्त से आपका कर्ज और महंगा होगा। मई में 0.40 फीसदी और जून में 0.40-0.50 फीसदी दरें बढ़ने के अनुमान के बीच यह भी संभव है कि आरबीआई अगस्त में रेपो दर में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है।

जानकारों का कहना है कि इस साल के अंत तक केंद्रीय बैंक रेपो दर को बढ़ाकर कोरोना के पहले के स्तर यानी 5.15 फीसदी पर ले जा सकता है। इसका मतलब कि आपको रेपो दर में 1.15 फीसदी बढ़ोतरी के लिए तैयार रहना होगा।

मई में रेपो दर बढ़ने के बाद से अभी तक सभी बैंकों ने 2 से 3 बार अपने कर्ज महंगे किए हैं। उसकी तुलना में आपकी जमा पर मिलने वाले ब्याज में मामूली बढ़ोतरी की गई है। अभी तक कुछ ही बैंकों ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में बढ़त का फायदा ग्राहकों को दिया है। ऐसे में कम जमा के ब्याज से छुटकारा पाने का आसान तरीका है कि आप किसी ऐसे विकल्प की तलाश करें, जहां आपको ज्यादा ब्याज मिले।

ज्यादा ब्याज पाने के तरीके

 कई कॉरपोरेट जमा पर ज्यादा ब्याज दे रहे हैं। खासकर कुछ ऐसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) हैं, जो जिन्होंने मई के अंत में जमा पर ब्याज बढ़ाकर 8 फीसदी कर दिया है। ऐसे में बैंकों की एफडी से ज्यादा बेहतर है कि आप इस तरह का रास्ता अपनाएं क्योंकि अगर महंगाई दर से 3-4 फीसदी ज्यादा ब्याज नहीं मिलता है तो आप जिसे बचत समझ रहे हैं, वह घाटे वाला सौदा है। 

अगस्त तक इंतजार करें

अगर आप पैसा जमा करना चाहते हैं तो दो-तीन महीने के लिए ही अभी जमा करें। आरबीआई अगस्त में एक बार और सीआरआर बढ़ा सकता है। ऐसे में मई की तुलना में अगस्त में आपकी जमा पर करीब एक फीसदी ज्यादा ब्याज मिल सकता है। जब बैंक एफडी की दरें बढ़ाएंगे तो निश्चित तौर पर कॉरपोरेट भी दरों में इजाफा करेंगे। 


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