बनारस के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में कथित शिवलिंग पर पूजा अर्जना करने की याचिका ख़ारिज

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वाराणसी कोर्ट ने बुधवार को भारतीय हिंदू संत, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया है. याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग जैसे दिखने वाले स्ट्रक्चर पर हर दिन पूजा अर्चना करने की मांग की गई थी.

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद, स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य हैं, जो गुजरात में द्वारका शारदा पीठम और बद्रीनाथ में ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य हैं. वो इस समय वाराणसी में श्री विद्या मठ में हैं.

हालांकि कोर्ट ने अविमुक्तेश्वरानंद की याचिका में कोई भी योग्यता ना पाते हुए उसे खारिज कर दिया..... अविमुक्तेश्वरानंद अनिश्चितकालीन उपवास पर हैं. उन्होंने वाराणसी की अदालत के समक्ष याचिका दायर कर मई में एक वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान ज्ञानवापी मस्जिद के अंदर से बरामद एक कथित शिवलिंग पर प्रार्थना करने की अनुमति मांगी थी.

अविमुक्तेश्वरानंद की ओर से पेश वकील रमेश उपाध्याय ने वाराणसी कोर्ट से कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग जैसा स्ट्रक्चर मिला है. इसके साथ ही नंदी भी बिना ‘राग और भोग’ के बैठे हुए हैं.

रमेश उपाध्याय ने धार्मिक ग्रंथों का हवाला दिया. उन्होंने दावा किया कि नंदी भगवान विष्णु के अवतार हैं और इसलिए वह भी आदि विश्वेश्वर (शिवलिंग) के साथ उपवास कर रहे थे

 उपाध्याय ने भविष्य पुराण और गरुड़ पुराण का भी हवाला दिया और कहा कि अगर अविमुक्तेश्वरानंद को पूजा और भोग लगाने की अनुमति नहीं दी जाती है, तो इसकी व्यवस्था अदालत द्वारा की जानी चाहिए.


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