प्रयागराज हिंसा में नया खुलासा : फायरिंग और आगजनी के बाद सरकारी शस्त्र लूटने की फिराक में थे उपद्रवी

feature-top

अटाला बवाल मामले में एक दिन पहले पथराव, बमबाजी व आगजनी की ही बात सामने आई थी। लेकिन पुलिस का कहना है कि उपद्रवियों ने गोलियां भी चलाईं। छतों से अवैध असलहों से फायरिंग की जिसमें जवान बाल-बाल बच गए। यही नहीं पुलिसकर्मियों के सरकारी शस्त्र लूटने का भी प्रयास किया। यह आरोप खुल्दाबाद थाने में दर्ज किए गए मुकदमे में पुलिस की ओर से लगाए गए हैं।

बवाल मामले में कुल तीन मुकदमे दर्ज हुए जिनमें से एक खुल्दाबाद थाने का है। अटाला चौकी प्रभारी दीनदयाल सिंह की तहरीर पर यह केस दर्ज किया गया है। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि उपद्रवी भीड़ को जब हटाने की कोशिश की गई तो पहले उन्होंने पत्थर व बम चलाए। इसके बाद पुलिस फोर्स को निशाना बनाकर गोलियां भी चलाईं। छतों पर चढ़कर बम के फेंकने के साथ फायरिंग की। भीड़ ने आईटीएमएस के कैमरे तोड़ने की कोशिश की। साथ ही उपद्रव की वीडियो रिकॉर्डिंग कर रहे पुलिसकर्मियों के मोबाइल छीनने का भी प्रयास किया।

29 धाराओं में दर्ज हुआ केस

उपद्रवी भीड़ पर दर्ज मुकदमों में 29 अलग-अलग धाराएं लगाई गई हैं। जिनमें दंगा फैलाने के आरोप से संबंधित धारा भी शामिल है। इसके अलावा बलवा, हत्या का प्रयास, सरकारी काम में बाधा पहुंचाने, लोकसेवक पर हमला, गालीगलौज, धमकी, आपराधिक साजिश के अलावा विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत भी केस दर्ज किया गया है। उपद्रव में बड़ी संख्या में नाबालिग भी थे, ऐसे में मुकदमे में किशोर न्याय अधिनियम की भी धारा लगाई गई है। बवाल के दौरान पीएसी का ट्रक जलाने के साथ ही बड़ी संख्या में सार्वजनिक संपत्तियों को भी निशाना बनाया गया, ऐसे में सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम के तहत भी केस दर्ज किया गया है।


feature-top