पीएम मोदी बोले- स्वस्थ बहस और खुली चर्चा की संस्कृति को मजबूत करने की जरूरत

feature-top

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चार महीने से अधिक समय बाद मंगलवार को मंच साझा किया.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि हमें स्वस्थ बहस और खुली चर्चा की संस्कृति को मजबूत करने की जरूरत है जो वर्षों से भारत की पहचान रही है. पीएम मोदी महाराष्ट्र के एक दिन के दौरे पर थे और इस दौरान उन्होंने पुणे के समीप देहू में 17वीं सदी के संत को समर्पित संत तुकाराम महाराज मंदिर में एक शिला मंदिर, राजभवन में जल भूषण भवन और क्रांतिकारियों की गैलरी का उद्घाटन किया और गुजराती समाचार पत्र ‘मुंबई समाचार’ के द्विशताब्दी समारोह में भाग लिया.

महाराष्ट्र में शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के तल्ख संबंधों के बीच प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने चार महीने से अधिक समय बाद मंगलवार को मंच साझा किया. दोनों नेताओं ने राजभवन में जल भूषण भवन और क्रांतिकारियों की गैलरी का उद्घाटन किया और बाद में मुंबई में अखबार ‘मुंबई समाचार’ की 200 वीं वर्षगांठ के समारोह में भाग लिया.

पीएम मोदी ने इस समारोह में कहा, ‘‘भारत का हज़ारों वर्षों का इतिहास हमें बहुत कुछ सिखाता है. भारतीयों ने सबसे कठिन विषयों पर खुलकर बात की है और सही तर्क को समाज का अभिन्न हिस्सा बनाया है।

उन्होंने कहा बहस और चर्चा' ने वर्षों से देश की मदद की है और हमें संस्कृति को 'मजबूत' करने की जरूरत है. पीएम ने कहा कि समाज की बेहतरी के लिए हर संस्था की एक विशेष भूमिका होती है, चाहे वह मीडिया हो या विधायिका.

‘क्रांतिकारियों की गैलरी’ का अनावरण

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय मीडिया ने नीतियों की आलोचना की है और रचनात्मक तरीके से राष्ट्रीय हित के लिए खड़ा रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि मीडिया अगले 25 वर्षों में अपनी भूमिका निभाता रहेगा, जिसे उनकी सरकार ने 'आजादी का अमृतकाल' कहा है. पीएम मोदी ने यहां राजभवन में स्वतंत्रता संग्राम के दिग्गजों को समर्पित एक संग्रहालय ‘क्रांतिकारियों की गैलरी’ का अनावरण किया.

इस मौके पर उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र ने सामाजिक क्रांति से लेकर स्वशासन तक कई क्षेत्रों में देश को प्रेरित किया है. पीएम ने कहा कि अगर हम सामाजिक क्रांतियों की बात करें तो जगद्गुरू श्री संत तुकाराम महाराज से लेकर बाबा साहेब आंबेडकर तक समाज सुधारकों की एक बहुत समृद्ध विरासत है.

महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल सी. विद्यासागर राव के कार्यकाल के दौरान अगस्त 2016 में राजभवन में एक भूमिगत तहखाना मिला था. तहखाने में गैलरी स्थापित की गई है. यह गैलरी प्रथम विश्व युद्ध के पूर्व ब्रिटिशकाल के 13 बंकरों के भूमिगत नेटवर्क में बनाई गई है. गैलरी में स्वतंत्रता आंदोलन के नायकों, आंदोलन में उनकी भूमिका, मूर्तियां, दुर्लभ तस्वीरें, भित्ति चित्र और आदिवासी क्रांतिकारियों पर स्कूली बच्चों द्वारा तैयार किए गए विवरण शामिल हैं.


feature-top