आज रायपुर में "आज से पहले....".एक शाम संगीत के नाम कार्यक्रम का आयोजन किया गया

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संगीतकी दुनिया को समझना और इस पर अमल करना जीवन की एक अलग कला है। ‘एक शाम संगीत के नाम’ कार्यक्रम का आयोजन कटोरा तालाब स्थित गार्डन में किया गया किए। नवीन कुमार, अनिल कुमार धर्मेन्द्र कुमार शैलेन्द्र कुमार रवीना पनिका सिवानी सोनानी और अहमद खान ने संगीत के सुरो को अपने अंदाज में पिरोया। श्रोताओं मधूर संगीत ताली बजा कर खुशी का इजहार करते रहे।

गायिका रीना पनिका ने

 ऐ दिल मुझे बता दे तू किसपे आ गया है वह कौन है जो आकार ख्वाबों पे छा गया है ऐ दिल मुझे बता दे तू किसपे आ गया है वह कौन है जो आकार ख्वाबों पे छा गया है...

वहीं धर्मेंद्र नायक ने - सांसो की ज़रूरत है जैसे, सांसो की ज़रूरत है जैसे ज़िंदगी के लिये बस एक सनम चाहिये आशिक़ी के लिये गाया।

इधर ,अहमद खान ने

 दिल का भंवर करे पुकार प्यार का राग सुनो, प्यार का राग सुनो रे फूल तुम गुलाब का क्या जवाब आपका जो अदा वो बहार है आज दिल की बेकली आ गई जूबान पर बात ये है तुमसे प्यार है दिल तुम्हीं को दिया रे प्यार का राग सुनो रे

जबकि ,गायक नवीन कुमार ने

 ये दिन क्या आये लगे फूल हॅंसने देखो बसंती बसंती होने लगे मेरे सपने ये दिन क्या आये लगे फूल हॅंसने देखो बसंती बसंती होने लगे मेरे सपने ये दिन क्या आये लगे फूल हँसने ... सोने जैसी हो रही है हर सुबह मेरी लगे हर सांझ अब गुलाल से भरी सोने जैसी हो रही है......

वहीं अनिल कुमार ने

 रिम-झिम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन रिम-झिम गिरे सावन ... पहले भी यूँ तो बरसे थे बादल, पहले भी यूँ तो भीगा था आंचल अब के बरस क्यूँ सजन, सुलग सुलग जाए मन भीगे आज इस मौसम में, लगी कैसी ये अगन रिम-झिम गिरे सावन ...

युगल जोड़ी में शैलेन्द्र कुमार और रीना पनिका ने

आके तेरी बाहों में, हर शाम लगे सिन्दूरी मेरे मन को महकाया, मेरे मन को महकाया तेरे मन की कस्तूरी, आके तेरी बाहों में... महकी हवायें, उड़ता आंचल लट घुंघराले, काले बादल प्रेम सुधा नैनों से बरसे, पी लेने को जीवन तरसे बाहों में धंस लेने दे, प्रीत के चुम्बन देने दे इन अधरों से छलक न जाये, इन अधरों से छलक न जाये यौवन रस अन्गूरी, आके तेरी बाहों में... जैसे गाने गा कर कार्यक्रम की शुरुआत की।


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