यात्रियों से पहले रेत की बोरियों से जांची जाएगी रैपिड रेल की क्षमता

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देश की पहली रैपिड रेल दुहाई डिपो में पटरी पर उतर चुकी है। रैपिड रेल के तकनीकी परीक्षण और मुख्य ट्रायल रन की तैयारियां तेज हो गई हैं।

रैपिड रेल में यात्रियों के सफर करने से पहले रेत की हजारों बोरियां कोच में रखकर भार क्षमता का परीक्षण किया जाएगा। रैपिड रेल की अधिकतम रफ्तार 180 किमी प्रति घंटा और औसत गति 100 किमी प्रति घंटा है। ऐसे में रेल की तेज रफ्तार के दौरान भार क्षमता के परीक्षण के लिए निर्णय लिया गया है। रैपिड रेल के तकनीकी परीक्षण और ट्रायल शुरू करने केलिए उसे पहले वर्कशॉप लाइन में ले जाया जाएगा।

इसके लिए वर्कशॉप लाइन, सिग्नल और विद्युतीकरण का काम तेजी से जारी है। तकनीकी परीक्षण के माह के अंत तक शुरू होने की संभावना जताई जा रही है। रैपिड रेल का तकनीकी परीक्षण होने के बाद अगस्त से ट्रायल रन के शुरू होने की संभावना है।

स्टैंडर्ड प्रक्रिया से होगा भार क्षमता का परीक्षण एनसीआरटीसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पुनीत वत्स का कहना है कि पहली रैपिड रेल के छह कोच को आपस में जोड़ने के बाद तकनीकी परीक्षण जल्द शुरू होंगे। रैपिड रेल के साथ अन्य ट्रेनों की भार क्षमता जांचने के लिए रेत की बोरियों को रखना एक स्टैंडर्ड प्रक्रिया का हिस्सा है। दुहाई डिपो में ट्रैक के साथ सिग्नल, बिजली और ओवर हेड इक्विपमेंट का काम तेज गति से जारी है।


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