उपचुनाव में नहीं है दिल्लीवालों की दिलचस्पी

feature-top

राजेंद्र नगर विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव ही नहीं, बीते 13 साल के किसी भी उपचुनाव में दिल्लीवालों ने ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है। सभी उपचुनाव का मत प्रतिशत 50 फीसदी से नीचे रहा है। 

इस दौरान हुए पांच उपचुनावों में दूसरी बार सबसे कम वोटिंग बृहस्पतिवार को हुई है। जानकारों को मानना है कि बड़ी संख्या में कामकाजी आबादी, दिल्ली की सांविधानिक स्थिति व बहु एजेंसी सिस्टम इसके लिए जिम्मेदार है। इन वजहों से लोग आम चुनावों की तरह लोग उपचुनाव में हिस्सेदारी नहीं निभाते हैं।

आंकड़ों पर गौर करें तो दिल्ली चुनाव अधिकारी कार्यालय के एड़ी-चोटी का जोर लगाने के बावजूद बृहस्पतिवार को राजेंद्र नगर विधानसभा उपचुनाव में महज 43.75 फीसदी मतदान हुआ।

इससे पहले के उपचुनावों की हालत भी ज्यादा बेहतर नहीं है। 2009 में ओखला विधानसभा उपचुनाव में 36 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। वहीं, बाकी तीन अन्य उपचुनावों में भी वोटिंग प्रतिशत 50 फीसदी से नीचे रहा है, जबकि आम चुनावों में यह 60 फीसदी से ऊपर रहता है।।।।


feature-top