सात साल शिक्षा बोर्ड के साथ जुड़े रहने वाले स्कूलों को ही मिलेगी अब सीबीएसई की संबद्धता के लिए एनओसी

feature-top

सीबीएसई की संबद्धता हासिल करने वाले स्कूलों को अब हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के साथ कम से कम सात साल जुड़े रहना होगा। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने सीबीएसई की संबद्धता को लेकर नियमों को कड़ा किया है। संबद्धता के लिए बोर्ड प्रबंधन की ओर से ली जाने वाली फीस को भी दोगुना किया गया है। बोर्ड से संबद्धता लेने के एक वर्ष बाद ही कई निजी स्कूल सीबीएसई की संबद्धता के लिए बोर्ड से एनओसी की मांग करते थे, जिसे अब बोर्ड ने बंद करके कम से कम सात साल बोर्ड के साथ काम करने की शर्त रखी है। इसके अलावा एनओसी फीस को भी 25 हजार से बढ़ा कर 50 हजार रुपये कर दिया है। बोर्ड से संबद्धता प्राप्त निजी स्कूलों को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किए जाने बारे कुछ संशोधन किए गए हैं।

 

 

 स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इस संदर्भ में अधिसूचना जारी कर दी है। निजी स्कूलों को सीबीएसई से सीधे तौर पर संबद्धता लेना आसान नहीं होता। ऐसे में जिन निजी स्कूलों को सीबीएसई की संबद्धता लेनी होती थी, वे पहले हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्धता ले लेते थे और अगले ही साल बोर्ड से एनओसी की मांग कर देते थे, जो कि शॉर्ट रूट था और निर्धारत नियमों का भी दुरुपयोग हो रहा था। बोर्ड ने निर्णय लिया है कि एनओसी प्राप्त करने के लिए बोर्ड की लगातार सात साल तक संबद्धता होना आवश्यक कर दिया है। वहीं एनओसी फीस को 25 हजार से बढ़ाकर 50 हजार कर दिया गया। इस संदर्भ में प्रदेश शिक्षा बोर्ड अध्यक्ष डा. सुरेश कुमार सोनी ने बताया कि बोर्ड की 118वीं बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। इन फैसलों में सीबीएसई संबद्धता को सात साल और एनओसी फीस को 25 हजार से बढ़ा कर 50 हजार रुपये किया गया है।


feature-top