महाराष्ट्र के पूर्व महाधिवक्ता ने समझाया समीकरण

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महाराष्ट्र के पूर्व महाधिवक्ता और संवैधानिक विशेषज्ञ श्रीहरि अणे ने बताया कि विधायकों की अयोग्यता कानूनी तर्क पर आधारित होगी। विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लेने से पहले डिप्टी स्पीकर को उन्हें सुनवाई का मौका देना होगा। यदि संवैधानिक तंत्र की विफलता है, तो राज्यपाल हस्तक्षेप कर सकता है। महाराष्ट्र में अभी तक वह स्थिति नहीं आई है। गुवाहाटी और मुंबई में दोनों समूहों से प्राप्त अनुरोध पत्रों की प्रकृति के आधार पर उप सभापति एक न्यायालय के रूप में कार्य करते हैं। श्रीहरि ने कहा कि यह मामला विधायिका में ही खत्म नहीं होगा, यह न्यायपालिका के पास जाएगा। ऐसे मामलों को विशेष आधार पर उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में लाया जाता है। पीड़ित द्वारा न्यायिक समीक्षा की मांग न्यायालय में भी की जा सकती है।
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