महाराष्ट्र में सरकार बदलने से बड़ी हुई शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई

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भाजपा महाराष्ट्र में सरकार बनाने का दावा पेश करने को लेकर जल्दी में नहीं है। असल में भाजपा शिवसेना के आंतरिक संघर्ष के नतीजों के आधार पर फैसला करेगी। फिलहाल भाजपा शिवसेना के संघर्ष को इसके नगर निगमों, नगर निकायों व कस्बों तक के स्तर पर उतरने का इंतजार कर रही है। एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने दावा किया है कि महाराष्ट्र में मौजूदा सत्ता संघर्ष केवल राज्य में सत्ता परिवर्तन का नहीं है, बल्कि शिवसेना के अस्तित्व का है।

भाजपा नेता ने दावा किया कि असल में एनसीपी चाहती है कि शिवसेना पूरी तरह से खत्म हो जाए, क्योंकि दोनों ही दलों की मराठा राजनीति पर गहरी पकड़ है। स्वाभाविक तौर पर शिवसेना के नहीं होने का लाभ एनसीपी उठाना चाहेगी, इसी वजह से एनसीपी शिवसेना को अपनी मूल विचारधारा और कोर मतदाताओं से दूर करने में जुटी है।

उन्होंने कहा कि सीएम ठाकरे इस्तीफा नहीं देने पर अड़े हैं, जबकि ठाकरे बिना जिद के मुख्यमंत्री पद छोड़ देते, तो यकीनन उन्हें जनता की सहानुभूति मिलती, लेकिन उनके इस अड़ियल रवैये से लोगों के बीच उनकी छवि खराब हो रही है। हालांकि, भाजपा नहीं चाहती कि बालासाहेब ठाकरे की सियासी विरासत इस तरह धूल में मिल जाए, इसी वजह से एकनाथ शिंदे को मजबूत किया जा रहा है।


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