साल 2029-30 तक भारत में होंगे करीब 2.35 करोड़ गिग कर्मचारीः नीति आयोग

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गिग' कर्मचारियों की संख्या भारत में वर्ष 2029-30 तक बढ़कर 2.35 करोड़ हो जाने की उम्मीद है जबकि वर्ष 2020-21 में यह संख्या 77 लाख थी। नीति आयोग की एक रिपोर्ट में सोमवार को यह अनुमान जताया गया। इस रिपोर्ट में अंशकालिक समय के लिए काम करने वाले गिग कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने की सिफारिश भी की गई है।

भारत में कुल आजीविका का 4.1 प्रतिशत होने की उम्मीद

भारत की तेजी से बढ़ती गिग एवं प्लेटफॉर्म अर्थव्यवस्था' शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2029-30 तक गिग कर्मचारियों की संख्या गैर-कृषि कार्यबल का 6.7 प्रतिशत और भारत में कुल आजीविका का 4.1 प्रतिशत होने की उम्मीद है। गिग कर्मचारियों को मोटे तौर पर प्लेटफॉर्म और गैर-प्लेटफॉर्म कर्मचारियों में वर्गीकृत किया जाता है। प्लेटफॉर्म कर्मचारियों का काम ऑनलाइन सॉफ्टवेयर ऐप या डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आधारित होता है, जबकि गैर-प्लेटफॉर्म गिग कर्मचारी आमतौर पर दैनिक वेतन वाले श्रमिक होते हैं जो अल्पकालिक या पूर्णकालिक काम करते हैं।

कौन होते हैं गिग कर्मचारी?

गिग कर्मचारी आमतौर पर लचीली कार्य-पद्धति पसंद करते हैं और निम्न से मध्यम स्तर की शिक्षा वाले होते हैं। गिग कार्य के जरिए होने वाली आय उनकी प्राथमिक आय नहीं होती है और वे अक्सर साथ में नियमित नौकरी भी कर रहे होते हैं। नीति आयोग की इस रिपोर्ट में यह अनुमान भी जताया गया है कि 2020-21 में 77 लाख कामगार गिग अर्थव्यवस्था में शामिल थे। ये कर्मचारी मुख्य रूप से खुदरा व्यापार और बिक्री तथा परिवहन क्षेत्र में थे। इसके अलावा विनिर्माण और वित्त तथा बीमा गतिविधियों में भी इनकी उल्लेखनीय भूमिका थी।


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