हसदेव के आंदोलनकारियों से मिलेंगी - मेधा पाटकर

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हसदेव अरण्य में कोल ब्लॉक को लेकर लंबे समय से आंदोलन चल रहा है। 172 लाख हेक्टेयर में फैले हसदेव अरण्य के लिए करीब एक दशक से कोरबा और सरगुजा की 30 से ज़्यादा ग्राम सभाएं आंदोलन कर रही हैं। आरोप है कि फर्जी ग्राम सभा के जरिए कोयला खदान की अनुमति दी गई है। आदिवासी इसके विरोध में करीब 100 दिन से सत्याग्रह पर हैं। इदस दौरान 600 से ज्यादा पेड़ काटे जा चुके हैं। हालांकि अब राज्य सरकार ने पेड़ काटे जाने पर रोक लगा दी है।
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