ईस्टर्न कॉरिडोर 15 अगस्त से शुरू कराने की तैयारी, एक साल की देरी से चल रही है परियोजना

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 15 अगस्त को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन ऑफ इंडिया (डीएफसीसीआईएल) के ईस्टर्न कॉरिडोर की खुर्जा से बोड़ाकी लिंक लाइन का उद्घाटन कराने की तैयारी है।

कॉरिडोर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। बुधवार को डीएफसीसी की टीम ने कॉरिडोर की लिंक लाइन का निरीक्षण किया और निर्माण कंपनी को खामियां दूर करने के निर्देश दिए। अफसरों का दावा है कि जुलाई के आखिर तक कॉरिडोर तैयार हो जाएगा। कॉरिडोर शुरू होने से जिले के हजारों व्यापारियों को एक जगह से दूसरी जगह कम खर्च में माल पहुंचाने में आसानी होगी।

कोलकाता से लुधियाना के बीच डीएफसीसी का ईस्टर्न कॉरिडोर बन रहा है। बुलंदशहर के खुर्जा से गौतमबुद्ध नगर के बोड़ाकी तक कॉरिडोर की लिंक लाइन तैयार की जा रही है, जो ईस्टर्न को वेस्टर्न कॉरिडोर से जोड़ेगी। न्यू खुर्जा और न्यू बोड़ाकी नाम से ईस्टर्न कॉरिडोर के स्टेशन बनाए गए हैं। इन दोनों के बीच की दूरी करीब 50 किमी है। कॉरिडोर की लिंक लाइन का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। बुधवार को डीएफसीसी के एमडी आरके जैन और सीजीएम मेरठ अनिल कालरा व सीपीएम नोएडा तनवीर खान ने 18 सदस्यीय टीम के साथ न्यू खुर्जा से न्यू बोड़ाकी तक कॉरिडोर का निरीक्षण किया। दोपहर साढ़े तीन बजे टीम खुर्जा से निरीक्षण यान पर निकली और सवा पांच बजे तक बोड़ाकी पहुंची। इस दौरान 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भी निरीक्षण यान दौड़ाया गया। बीच-बीच में रुक कर रेल लाइन का निरीक्षण किया गया। इस दौरान कुछ खामियां मिली हैं। एमडी ने इन्हें दूर करने के निर्देश दिए हैं। 

एक साल की देरी से चल रहा है प्रोजेक्ट

डीएफसीसी के ईस्टर्न कॉरिडोर का निर्माण मार्च, 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन कोरोना और जमीन पर कब्जा नहीं मिलने से काम पूरा नहीं हो पाया। बोड़ाकी, रिठौरी समेत पांच गांवों में जमीन नहीं मिलने से करीब 1500 मीटर का हिस्सा नहीं बन सका था। अब सभी अड़चनें दूर हो चुकी हैं। निर्माण कार्य अंतिम चरण में चल रहा है।


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