शरद पवार युग समाप्त, देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र के नए चाणक्य..!

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महाराष्ट्र की राजनीति में 10 जून से 29 जून 2022 के दौरान जो कुछ भी हुआ या आगे दो तीन दिन होने वाला है, उसे देखकर यह कहने में कोई गुरेज नहीं कि विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही छत्रपति शिवाजी महाराज की धरती के असली चाणक्य हैं और निःसंदेह मराठा क्षत्रप शरद पवार का युग लगभग समाप्त हो चुका है।

जाहिर है इसे पवार साहब को स्वीकार करके सक्रिय राजनीति से अलग हो जाना चाहिए, क्योंकि यह भी साबित हो गया है कि बालासाहेब ठाकरे के अयोग्य उत्तराधिकारी उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाकर उनकी आड़ में राज्य में सत्ता के संचालन की उनकी कोशिश अंततः नाकाम हो गई। पवार पावर का विसर्जन बेला।

शरद पवार की इमेज जहां आज भी वर्ष 1978 के उस राजनेता की है, जिसने मुख्यमंत्री वंसतदादा पाटिल के साथ कपट किया और उनके विधायकों को तोड़कर राज्य की सत्ता हथिया ली थी। पवार आज भी उस तिकड़मी छवि से बाहर नहीं आ सके हैं। लेकिन दूसरी ओर फडणवीस की इमेज मौजूदा राजनीतिक बवंडर के दौरान जेंटलमैन नेता की बनी रही।

एकनाथ शिंदे से बगावत करवाई, लेकिन इसे शिवसेना का अंदरूनी मामला करार दे दिया। शिवसेना विधायकों की बगावत करवा करके फडणवीस ने पवार और उद्धव दोनों को उन्हीं की स्टाइल में करारा जवाब दिया है। चतुर राजनेता की चतुर नीति से सांप भी मर गया और लाठी भी अक्षुण्ण रही।

 


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