अमरनाथ यात्रा : इस बार लंगर में नहीं मिलेगा फास्ट फूड और तला हुआ खाना

feature-top

जालंधर से आकर लंगर लगाने वाले राजकुमार कवि ने बताया कि भीड़ बुधवार शाम से ही शुरू हो गई है और यह हर गुजरते दिन के साथ बढ़ेगी। उन्होंने कहा- 'मैं 23 साल से यहां लंगर लगा रहा हूं। दो साल के बाद यहां फिर आकर उत्साहित हूं और खुद को धन्य महसूस कर रहा हूं। हम यहां 16 जून को आए थे और तीन दिनों तक तेज बारिश हुई। ऐसे में लंगर के बुनियादी ढांचे को खड़ा करने में बहुत मेहनत करनी पड़ी।'

राजकुमार अपने भंडारा को अगले डेढ़ माह तक चलाने के लिए जरूरी वस्तुओं के 7 ट्रक लेकर आए हैं। उनके साथ 50 लोगों की टीम है। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सख्त दिशा-निर्देशों के बारे में राजकुमार ने कहा कि इस साल उन्हें सब कुछ बदलना पड़ा। पहले हम बहुत सारे व्यंजन परोसते थे, लेकिन इस साल सभी तली हुई चीजों और फास्ट फूड पर पाबंदी है। हालांकि, हमें निराशा हुई है, लेकिन यह तीर्थयात्रियों के लिए अच्छा है। हम दाल-चावल, दाल-रोटी, रुमाली-रोटी, तंदूरी-रोटी, दाल के व्यंजन और हरी सब्जियां बना रहे हैं।

शिव-पार्वती सेवा दल (चंडीगढ़) के राजेंद्रर सिंह सामंत ने 16वें साल यहां डोमेल में लंगर लगाया है। वे कहते हैं- ‘इस बार यहां सुविधाएं काफी बेहतर हैं। पानी, बिजली और मोबाइल सिग्नल चल रहे हैं। नई सड़कें भी बनी हैं, उन्हें चौड़ा भी किया गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पूरे मार्ग पर स्ट्रीट लाइट लगाई गई हैं।

तीन शिफ्ट में सफाई कर्मचारी यात्रा मार्ग पर काम करेंगे कुछ लंगर समितियां इस बार तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए ऑटोरिक्शा भी साथ लाई हैं। पर्यावरण की दृष्टि से इस संवेदनशील क्षेत्र काे बचाना श्राइन बोर्ड के लिए बड़ी चुनौती है। बालटाल बेस कैप के निदेशक एनएस जामवाल बताते हैं कि तीन शिफ्ट में सफाई कर्मचारी यात्रा मार्ग पर काम करते रहेंगे। मार्ग पर 21 स्थिर और 700 मोबाइल शौचालय बनाए गए हैं। बालटाल और डोमेल के बीच 200 डस्टबिन रखी गई हैं। ठोस और गीले कचरे का निस्तारण किया जाएगा। इसके लिए 350 कर्मचारियों को तैनात किया गया है।


feature-top