जी-7 व नाटो वार्ता ने रूस-चीन और पश्चिम में दूरी और बढ़ाई

feature-top
तीन दशकों में यूरोप में पहला बड़ा युद्ध, दशकों में उच्चतम मुद्रास्फीति दर और तेजी से बिगड़ते वैश्विक खाद्य संकट के बीच पश्चिमी नेताओं ने दो प्रमुख शिखर सम्मेलनों में शिरकत की। जी7 के देश जर्मनी में जमा हुए और नाटो नेता मैड्रिड में एकत्र हुए। दोनों सम्मेलनों के नतीजे पश्चिमी-प्रभुत्व वाले वैश्विक शासन की सीमाओं और गहन ध्रुवीकरण की ओर इशारा करते हैं। इस कारण चीन-रूस और पश्चिम में दूरी और बढ़ गई। इन्हीं सम्मेलनों के समानांतर रूस ने यूक्रेन पर हमले काफी तेज कर दिए।
feature-top