डेंगू-मलेरिया के लिए सरकारी लैब की पाॅजिटिव रिपोर्ट ही मान्य

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प्रदेश में डेंगू और मलेरिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नया प्रोटोकाॅल लागू कर दिया है। पिछले साल शासन के पास काफी शिकायतें आई थीं कि जिन मरीजों को डेंगू नहीं था, उन्हें भी पाजिटिव बनाकर निजी अस्पतालों ने एक हफ्ते से 10 दिन तक अस्पताल में भर्ती रखा और 5-5 लाख रुपए के बिन बने। इस वजह से शासन ने तय किया है कि किसी मरीज की निजी अस्पताल, क्लीनिक या लैब में डेंगू की जांच के बाद सैंपल राजधानी रायपुर में डॉ. अंबेडकर अस्पताल या हमर लैब जैसी सरकारी प्रयोगशालाओं में जरूरी होगी।

वहां रिपोर्ट पाॅजिटिव आई, तभी मरीज को डेंगू से पीड़ित माना जाएगा। प्रदेश में जनवरी से अब तक डेंगू के 111 मरीज मिले हैं और यह संख्या कम है। दरअसल पिछले साल निजी अस्पतालों, क्लीनिक और लैब ने डेंगू की जांच में गड़बड़ियों की शिकायतें मिली थीं, और राजधानी में इसी वजह से डेंगू मरीजों की संख्या काफी अधिक हो गई थी। इसलिए स्वास्थ्य विभाग इस बार एहतियात बरत रहा है। नए प्रोटोकाॅल के अनुसार किसी भी अस्पताल, क्लीनिक या लैब में आरडी किट से डेंगू जांच के बाद 24 घंटे के अंदर एलाइजा जांच के लिए सैंपल मलेरिया विभाग भेजना अनिवार्य होगा।


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