संपत्ति का ब्योरा न देने वाले आईएएस अफसरों को मौका, आईपीआर दाखिल करने के लिए दो महीने तक खोलेगा पोर्टल

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केंद्र 2011 या उसके बाद किसी वर्ष आईपीआर दाखिल न करने वालों के लिए दो सरकार ने वर्ष 2011 या उसके बाद किसी भी वर्ष चल संपत्ति का ब्योरा (आईपीआर) न देने वाले आईएएस अधिकारियों को इसके लिए एक विशेष अवसर देने का फैसला किया है। आईएएस अधिकारी 15 जुलाई से 14 सितंबर के बीच छूटे वर्षों से संबंधित संपत्ति का ब्योरा दाखिल कर सकेंगे।

इसके बाद समय से संपत्ति का ब्योरा न देने वाले अफसरों की पदोन्नति पर विचार नहीं होगा। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक केंद्र सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (वेतन) नियम, 2016 में वर्ष 2021 में संशोधन किया था।

इसमें वेतन मैट्रिक्स में वेतन के अगले स्तर में नियुक्ति (स्तरोन्नयन व पदोन्नति) पर विचार के लिए गत वर्ष से संबंधित अचल संपत्ति का विवरण अगले वर्ष 31 जनवरी तक फाइल करना अनिवार्य कर दिया था। इस व्यवस्था का कड़ाई से पालन नहीं हो पा रहा था और तमाम अधिकारी बार-बार के निर्देश के बावजूद इसे नजरंदाज कर आईपीआर दाखिल नहीं कर रहे थे। केंद्र ने अब इस व्यवस्था को कड़ाई से लागू करने के लिए आईपीआर का ब्योरा देने से छूटे समस्त आईएएस अधिकारियों को एकमुश्त आखिरी अवसर देने का फैसला किया है। मंत्रलाय में अनुसचिव कुलदीप चौधरी ने समस्त राज्यों के मुख्य सचिवों को इस संबंध में केंद्र के निर्णय की जानकारी भेज दी है।

मुख्य सचिवों से आग्रह किया गया है कि वे समस्त कार्यरत आईएएस अधिकारियों को सरकार के निर्णय व समयसीमा के बारे में जानकारी उपलब्ध करा दें। गौर करने वाली बात ये है कि 2011 से 2022 के बीच संपत्ति का लेखाजोखा न देने वाले तमाम आईएएस अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं और कई की मृत्यु हो चुकी है।


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