अस्पताल में कमरे के रेंट पर भी GST, सरकार ने किया बचाव, नए झटके की तैयारी

feature-top
बीते दिनों माल एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। इनमें से एक फैसला अस्पतालों में गैर-आईसीयू कमरों के रेंट यानी किराये से जुड़ा है। दरअसल, जीएसटी काउंसिल ने 5,000 रुपये से अधिक किराये पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने का फैसला किया है। हालांकि, इस फैसले पर कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे हैं। सरकार ने यूं किया बचाव: अब सरकार की ओर से राजस्व सचिव तरुण बजाज ने प्रतिक्रिया दी है। बजाज ने कहा कि इतना किराया लेने वाले अस्पतालों की संख्या बहुत कम है। उन्होंने कहा कि अगर मैं अस्पताल के कमरे का 5,000 रुपये किराया दे सकता हूं तो मैं जीएसटी के 250 रुपये भी दे सकता हूं। आपको बता दें कि फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जीरो रेट जीएसटी की मांग की है ताकि सेवा प्रदाता इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का दावा कर सकें। कमरे के किराए पर 5 प्रतिशत के टैक्स पर चिंता जताते हुए फिक्की ने कहा है कि इससे रोगियों के लिए लागत बढ़ जाएगी।
feature-top