कम बारिश से घटेगा उत्पादन, बढ़ेंगी चावल की कीमतें

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इस साल कम बारिश से देश में धान का उत्पादन घटने की आशंका है। इससे चावल की कीमतें बढ़ सकती हैं। गर्मी के मौसम में होने वाली फसलों की बुवाई पिछड़ रही है क्योंकि बारिश अभी तक पूरे देश में एक समान नहीं हो रही है। इन फसलों में धान, मक्का, सोयाबीन ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। अनुमान है कि आने वाले सप्ताह में बारिश रफ्तार पकड़ेगी तो बुवाई भी तेज होगी।

पिछले साल 4 करोड़ हेक्टेयर की फसल की तुलना में इस साल अभी तक 9.3 फीसदी कम बुवाई हुई है। अगर उत्पादन में कमी आती है तो सरकार चावल के निर्यात पर अंकुश लगा सकती है। एक जून से मानसून के मौसम की शुरुआत के बाद से भारत में सामान्य बारिश हुई है। लेकिन जिन क्षेत्रों में धान की ज्यादा खेती होती है, वहां पर अब भी 46 फीसदी कम बारिश हुई है। देश में जुलाई रोपाई के हिसाब से प्रमुख महीना होता है। 

जून-जुलाई में ज्यादा बुवाई

गर्मियों की फसलों की ज्यादा बुवाई जून और जुलाई में होती है। इनकी कटाई अक्तूबर में शुरू होती है। मंत्रालय ने कहा कि करीबन 70 लाख हेक्टेयर में धान लगाया गया है जो पिछले साल 90 लाख हेक्टेयर में लगा था। ज्यादा प्रभावित वाले राज्य पूर्वी भारत के हैं। यहां पर धान की खेती ज्यादा होती है। अगर अगले कुछ दिनों में इन क्षेत्रों में पर्याप्त बारिश नहीं हुई तो रकबा और उपज गिर सकती है।


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