यूपी में पशुओं की दवा खरीद में 50 करोड़ का घोटाला, प्रशासन हरकत में

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उत्तर प्रदेश के अफसरों ने बेजुबान पशुओं के इलाज के लिए जरूरी दवाओं, सिरिंज व उपकरणों की खरीद में बड़ा घपला किया है। प्रारंभिक पड़ताल में करीब 50 करोड़ रुपये की दवा व सामग्री तय प्रक्रिया को ताक पर रखकर खरीदे जाने का खुलासा हुआ है। कई दवाएं जांच में घटिया साबित हुई हैं। उपकरण भी मनमानी दरों पर खरीदे गए।

राजकीय विश्लेषक की जांच में दवाएं घटिया होने के खुलासे के बाद पहले तो प्रकरण दबाने की कोशिश हुई। लेकिन आधा दर्जन दवाएं अधोमानक साबित हुईं, तो विभाग ने तहकीकात शुरू की। आनन-फानन में मानक से कमतर सभी दवाओं के उपयोग व वितरण पर तत्काल रोक लगा दी। साथ ही, प्रदेश के पशु चिकित्सा अधिकारियों को बची दवाएं कंपनी को वापस करने का निर्देश दे दिए। दवाएं जम्मू व उत्तराखंड की कंपनियों से खरीदी गई थीं। 

इसमें तय प्रक्रिया व नियमों को नजरअंदाज किया गया। वर्ष 2021-22 में खरीद के दौरान निदेशक (रोग नियंत्रण) पद पर डॉ. इंद्रमणि व डॉ. आरपी सिंह थे। जेम बायर की जिम्मेदारी डॉ. जेपी वर्मा के पास थी। सभी जांच के दायरे में हैं


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