अबू सलेम की रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया फ़ैसला

feature-top

अबू सलेम के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार पुर्तगाल के साथ किए अपने वादे को पूरा करने के लिए बाध्य है.

इस वादे के मुताबिक़ 1993 के मुंबई ब्लास्ट मामले में सरकार अबू सलेम को 25 साल की सज़ा पूरी होने के बाद रिहा कर देगी.

सलेम ने याचिक दायर की थी कि भारत के पुर्तगाल के साथ साल 2002 में किए गए प्रत्यर्पण समझौते के अनुसार उनकी सज़ा 25 साल से ज़्यादा नहीं होनी चाहिए.

न्यायाधीश एसके कॉल और एमएम सुंदरेश ने कहा कि पुर्तगाल के साथ समझौते के अनुसार केंद्र सरकार राष्ट्रपति को सलेम को रिहा करने की सलाह देने के लिए बाध्य है.

सलेम को नवंबर 2005 में मुंबई सीरियल बम धमाके मामले में सज़ा सुनाई गई थी. भारत सरकार लंबे समय तक कोशिशों के बाद अबू सलेम का पुर्तगाल से प्रत्यर्पण कराने में सफल हुई थी.

वहीं, फरवरी 2015 में विशेष टाडा कोर्ट ने सलेम को मुंबई के एक बिल्डर प्रदीप जैन की हत्या मामले में आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी.

हालाँकि, कोर्ट ने सलेम की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने 25 साल की सज़ा में पुर्तगाल में जेल और हिरासत में बिताए समय को भी गिनने की मांग की थी.

सलेम का कहना था कि उनकी सज़ा को 2005 से पहले से गिना जाना चाहिए. लेकिन, कोर्ट ने कहा कि उन्हें 2030 के बाद ही रिहा किया जा सकता है.


feature-top