विलेन बनकर दर्शकों के दिलों पर राज करते थे प्राण

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बॉलीवुड एक ऐसा जगत है, जिसने बॉलीवुड को कई दिग्गज कलाकारों से रुबरु कराया है। सिनेमा जगत का हर सितारा अपने अलग अंदाज और अपनी खासियत के लिए जाना जाता है। 60 से 90 के दशक के कई सितारे आज इस दुनिया में भले ही नहीं हैं, लेकिन अपनी अदाकारी के दम पर वह आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं। इन्हीं में से हैं दिग्गज अभिनेता प्राण। वही प्राण जिनसे फिल्मों में हीरो और हीरोइन बहुत खौफ खाते थे। उस जमाने में खलनायकी का दूसरा नाम प्राण कहा जाता था। उनके किरदारों का खौफ इतना था कि लोगों ने अपने बच्चों का नाम प्राण रखना छोड़ दिया था। फिल्म के आखिरी में सभी कलाकारों के नामों के बाद 'एंड प्राण' लिखा हुआ आता था जो फिल्म में उनकी दमदार मौजूदगी और दर्शकों के क्रेज को बताता था। आज यानी 12 जुलाई को उनकी पुण्यतिथि है। इस मौके पर हम आपको उनसे जुड़ी कुछ बातें बताने जा रहे हैं।

बरखुदार शब्द जैसे ही कोई सुनता था, उसे सबसे पहले प्राण की याद आती थी। प्राण का जन्म 12 फरवरी 1920 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता केवल कृष्ण सिकंद सिविल इंजीनियर थे। प्राण के तीन भाई और तीन बहनें थीं। जवानी के दिनों में फोटोग्राफी का शौक रखने वाले प्राण ने बंटवारे से पहले कुछ पंजाबी और हिंदी फिल्मों में बतौर लीड एक्टर काम किया। लाहौर में भी उन्होंने 1942 से 46 तक 22 फिल्मों में काम किया। बंटवारे के बाद वह पाकिस्तान से अपनी पत्नी और बेटे संग भारत आ गए थे।


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