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मैं नहीं जानता कि चुनाव के बाद मेरा क्या हश्र होगा?- यशवंत सिन्हा
विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा सोमवार को राजस्थान पहुंचे। यहां उनका दर्द, गुस्सा और डर तीनों झलका। कांग्रेस के विधायकों को संबोधित करते हुए यशवंत सिन्हा ने भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद पर भी तंज कसा। साथ में कुछ ऐसा बोल गए कि सियासी गलियारे में खूब चर्चा होने लगी।
1. राष्ट्रपति कोविंद पर तंज : यशवंत सिन्हा ने कहा, 'पांच साल की अगर बात करें तो यह राष्ट्रपति भवन की खामोशी का दौर था। हम लोगों ने एक खामोश राष्ट्रपति देखा। कई मुद्दों पर प्रधानमंत्री को भी बोलना चाहिए। कम से कम राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को बुलाकर देश के वर्तमान हालात पर चर्चा तो कर ही सकते हैं। इसीलिए पिछले पांच साल का दौर खामोशी का रहा। राष्ट्रपति के एक संवैधानिक दायित्व का उतना पालन नहीं हुआ जितनी उम्मीद थी।'
खुद के भविष्य के लिए डर : उन्होंने कहा, 'हम केवल एक राजनीतिक दल से नहीं लड़ रहे हैं। हम सरकार की उन एजेंसियों से भी लड़ रहे हैं, जो लोगों को परेशान करने के लिए इस्तेमाल की जा रही हैं। इसलिए लड़ाई ED से है, CBI से है, इनकम टैक्स से है। मैं जानता नहीं हूं कि इस चुनाव के बाद मेरा क्या हश्र होगा?' सिन्हा ने कहा, 'मैं इतना कह सकता हूं कि मैं अगर राष्ट्रपति का चुनाव जीता तो शपथ लेते ही दूसरे दिन से यह जो सरकार की ओर से एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है,वह रोक दूंगा। किस अधिकार का प्रयोग करके रोकूंगा, लेकिन रोकूंगा,इनका दुरुपयोग नहीं होने दूंगा।
3. प्रधानमंत्री पर निशाना : सिन्हा ने छत्तीसगढ़ का जिक्र किया। बोले, 'अभी छत्तीसगढ़ गया था, वहां एक बिजनेसमैन के ठिकानों पर इनकम टैक्स ने रेड डाली। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बता रहे थे कि जिस बिजनेसमैन पर इनकम टैक्स रेड हुई, उस पर इनकम टैक्स इस बात का दबाव डाल रहा था कि सरकार गिराओ। इस दुरुपयोग को रोका जाएगा। मैं पीएम को बुलाकर कहूंगा कि देश के ज्वलंत मुद्दों पर खामोशी ठीक नहीं है, इन मुद्दों पर बोलिए।'
4. आडवाणी का जिक्र कर भाजपा पर निकाली भड़ास : भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का जिक्र कर यशवंत सिन्हा ने कहा- आडवाणी की हालत देखकर अफसोस होता है। बेचारे बैठे हैं ऐसे करके हाथ हिलाकर नमस्कार करते हैं। सामने से एक आदमी गुजर जाता है और उनकी तरफ देखता भी नहीं है। मेरी और आडवाणी की कोई तुलना नहीं हो सकती, आडवाणी टावरिंग लीडर हैं।
5. वाजपेयी के लिए सम्मान : यशवंत सिन्हा बोले, 'मैं जिस भाजपा में था वह अब मर चुकी है। पहले भाजपा में आपसी सहमति से काम होता था, वह दौर खत्म हो गया है। अटल बिहारी वाजपेयी सहमति से काम करते थे, वे विपक्ष का सम्मान करते थे। मेरे केंद्रीय वित्त मंत्री रहते केरल के सीएम थे ईके नयानार, उन्होंने किसी मुद्दे पर मुझे रिक्वेस्ट भेजी। मैंने तत्काल उसका समाधान किया। इसके बाद नयानार ने पत्र भेजा कि भाजपा के मंत्री से यह उम्मीद नहीं करता कि केरल की वामपंथी सरकार की मदद करेंगे। इसका सीधा श्रेय वाजपेयी को जाता है, वे सहमति के आधार पर काम करते थे। ऐसे अनेक अवसर आए जब विपक्षी दलों से राय करके आगे का रास्ता तय करते थे। अब वह सब समाप्त हो चुका है। अब तो सहमति की जगह टकराव का दौर है। सरकार में बैठे नेता विपक्ष को नीचा दिखाना चाहते हैं।'
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