तीन महीने चिड़ियाघर जाते रहे चित्रकार, तब संविधान पर छपा था अशोक स्तंभ

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सोने के वर्क के इस्तेमाल से तैयार इस प्रतिकृति में दिखाई दे रहे तीनों शेरों का मुंह थोड़ा खुला है और उनके दांत भी नजर आ रहे हैं। इसमें नीचे की ओर सुनहरे अक्षरों में 'सत्यमेव जयते' लिखा है।

नए संसद भवन की छत पर मूर्ति के रूप में स्थापित राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के शेरों को कथित रूप से उग्र तेवरों में दिखाए जाने के विवाद के बीच चित्रकार दीनानाथ भार्गव का नाम फिर चर्चा में आ गया है। दिवंगत चित्रकार के परिजनों का कहना है कि उन्होंने संविधान की मूल प्रति के लिए सारनाथ के अशोक स्तंभ की तस्वीर बनाने से पहले, कोलकाता के चिड़ियाघर में शेरों के हाव-भाव पर तीन महीने तक बारीक नजर रखी थी। इसके बाद उन्होंने इसे तस्वीर में उतारा था।

भार्गव की पत्नी प्रभा (85 साल) ने बताया, 'स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने संविधान की मूल प्रति डिजाइन करने का जिम्मा रवींद्रनाथ टैगोर के शांति निकेतन के कला भवन के प्राचार्य और मशहूर चित्रकार नंदलाल बोस को सौंपा था।' उन्होंने बताया कि बोस ने अशोक स्तंभ की तस्वीर बनाने का अहम काम उनके पति को सौंपा था जो उस वक्त उनकी युवावस्था में शांति निकेतन में कला की पढ़ाई कर रहे थे।


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