नक्सल विरोधी अभियान के दौरान ग्रामीणों के मारे जाने की जांच की मांग वाली याचिका खारिज

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उच्चतम न्यायालय ने याचिका को खारिज कर दिया जिसमें 2009 में छत्तीसगढ़ में एक नक्सल विरोधी अभियान के दौरान एक गांव में कुछ ग्रामीणों के मारे जाने की घटना की, स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी.

न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने याचिका दायर करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार पर पांच लाख रुपये का कठोर जुर्माना भी लगाया. नक्सल विरोधी अभियान के दौरान दंतेवाड़ा में करीब एक दर्जन ग्रामीणों के मारे जाने की घटना की जांच कराए जाने की मांग करते हुए कुमार व अन्य की तरफ से याचिका दायर की गई थी.

कोर्ट ने हिमांशु कुमार से चार हफ्तों के भीतर यह राशि सुप्रीम कोर्ट की कानून सेवा समिति में जमा कराने को कहा है. ऐसा न करने पर उनके खिलाफ वसूली की कार्रवाई की जाएगी. याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कार्यवाही की केंद्र की इस याचिका के संबंध में अदालत ने कहा कि वह ऐसा नहीं करेगी और यह छत्तीसगढ़ राज्य सरकार पर छोड़ दिया कि वह आईपीसी की धारा 211 के तहत झूठे आरोप लगाने के अपराध में याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करे.


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