सुप्रीम कोर्ट: गरीबी रेखा के नीचे होने का मतलब यह नहीं कि आप कानून नहीं मानेंगे, रेलवे अतिक्रमण से जुड़ा है मामला

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, गरीबी रेखा के नीचे होना कानून का पालन नहीं करने का अपवाद नहीं हो सकता। कानून सबको मानना होगा और आप गरीबी रेखा के नीचे हैं सिर्फ इसलिए कानून नहीं मानने की छूट नहीं मिल सकती। गुजरात में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी की।

जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस जेबी पारदीवाला ने कहा, जब संविधान कानून के शासन को मान्यता देता है तो सभी को इसे मानना होगा। याचिकाकर्ता के वकील ने पीठ से कहा, अतिक्रमण हटाने से प्रभावित हुए पात्र आवेदकों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पुनर्वास किया जाएगा। पात्र आवेदकों को उन्हें मिलने वाले घर की किस्त जमा करने के लिए थोड़ा और समय दिया जाए।

इस पर पीठ ने कहा, अब तक जो भी हुआ है उसमें पहले ही इन लोगों को काफी छूट दे दी गई है। ये लोग रोज वहां से गुजरने वाले राहगीर ही तो थे, जिन्होंने रेलवे की संपत्ति पर कब्जा कर लिया। पीठ ने कहा, याचिकाकर्ता राहत के लिए संबंधित प्राधिकरण के पास जा सकते हैं।


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