आपकी थाली से नहीं छिनेगी रोटी- सरकार

अब आटा, सूजी-रवा के निर्यात के लिए जारी किए नए नियम

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रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 5 महीने से जारी युद्ध ने दुनिया भर में गेहूं का संकट खड़ा कर दिया है. यूरोप-मिडल ईस्ट समेत दुनिया के कई देशों में गेहूं की आपूर्ति पर असर पड़ा है.

इस वजह से भारत ने पहले गेहूं का निर्यात करने का फैसला किया था, लेकिन बाद में घरेलू बाजार में गेहूं का संकट पैदा होने की आशंका की वजह से भारत में अपने कदम पीछे खींच लिए हैं. भारत सरकार ने एक नई पहल करते हुए यह फैसला किया है कि घरेलू बाजार में गेहूं या आटे की किल्लत ना हो. इस वजह से आटे के निर्यात पर रोक लगाई गई है.

वास्तव में भारत सरकार ने गेहूं के आटे के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने का फैसला नहीं किया है. सरकार ने अपनी निर्यात नीति में बदलाव किया है जिससे भारत की कृषि उपज को बाहर बेचने पर काबू पाया जा सके.

भारत में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगने के बाद कारोबारियों ने आटा, मैदा, रवा, सूजी, होलमील आटा और रिजल्टेंट आटा जैसे पदार्थ निर्यात करना शुरू कर दिया था. डायरेक्टरेट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने कहा है कि आटा या गेहूं से बनने वाली अन्य चीजों के निर्यात से पहले उन्हें सरकार मंजूरी लेनी पड़ेगी.


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