डॉलर के मुक़ाबले गिरता रुपया

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डॉलर के मुक़ाबले रुपए की गिरती क़ीमत को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दल सरकार पर लगातार हमला बोल रहे हैं.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी शुक्रवार को इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछ चुके हैं.,

राहुल गांधी ने ट्विटर पर एक ग्राफ़ शेयर कर प्रधानमंत्री को उनका एक पुराना बयान याद दिलाया. ये बयान उस दौर का है, जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.

राहुल गांधी ने लिखा, "देश निराशा की गर्त में डूबा है" ये आपके ही शब्द हैं ना, प्रधानमंत्री जी? उस वक़्त आप जितना शोर मचाते थे, आज रुपए की क़ीमत तेज़ी से गिरती देखकर उतने ही 'मौन' हैं.

जंग के कारण अनाज, रसोई में इस्तेमाल होनेवाले तेल वगैरह की सप्लाई में बाधा आई है।

अमेरिका और यूरोप में पिछले कई दशकों में सबसे अधिक मंहगाई देखी जा रही है.

आम लोगों को महंगाई की मार से बचाने और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रतिकूल प्रभाव को रोकने के लिए अमेरिका के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दर बढ़ा दी है. इससे वहां के सरकारी बॉन्ड पर मिलनेवाला ब्याज अधिक हो गया है. लेकिन ब्याज दर बढ़ने से व्यापार और उद्योग को बिज़नेस के लिए गए क़र्ज़ पर ब्याज भी अधिक देना होगा.,

भारत में भी मंहगाई बढ़ी है. तो नतीजा ये हुआ है कि विदेशी निवेशकों ने ख़ासतौर पर उन विदेशी कंपनियों, व्यक्तियों ने जिन्होंने भारत में पैसा लगा रखा था, वो इसे यहां से निकालकर अमेरिका ले जा रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि ये वहां उनके पैसे अधिक सुरक्षित रहेंगे.

पिछले कुछ माह में भारत से करोड़ों डॉलर का निवेश वापस गया है जिसका नतीजा है मुद्रा बाज़ार में डॉलर के सप्लाई की कमी.,

आनेवाले दिनों में कहा जा रहा है अमेरिकी केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में और बढ़ोतरी करेगा. यानी आपको एक डॉलर के बदले और अधिक रुपये देने पड़ सकते हैं.

 


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