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बस्तर की संस्कृति और छत्तीसगढ़ के ग्रामीण परिवेश की थीम पर आधारित है मुख्यमंत्री का विधानसभा कार्यालय कक्ष
*छत्तीसगढ़ राज्य की लोकसंस्कृति, लोकनृत्य, बस्तर आर्ट एवं ग्रामीण परिवेश का बेहद खूबसूरती से किया गया समावेश
*लोक निर्माण विभाग के द्वारा किया गया है सौंदर्यीकरण कार्य मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज विधानसभा में अपने कार्यालय कक्ष के सौंदर्यीकरण कार्य का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री के विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष को पूरी तरह से छत्तीसगढ़ की ग्रामीण सभ्यता एवं बस्तर की संस्कृति की थीम पर तैयार किया गया है। कार्यालय कक्ष का प्रवेश द्वार गांव के किसी घर के प्रवेश द्वार का अहसास दिलाता है। कार्यालय कक्ष के प्रवेश पर बस्तर के परंपरागत आदिवासी नृत्यों को उकेरा गया है जिससे बस्तर की संस्कृति का सजीव अहसास होता है। बस्तर आर्ट के साथ ही छत्तीसगढ़ के वनोपज पर आधारित कलाकृतियां भी उकेरी गयी हैं।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, संसदीय कार्य मंत्री श्री रविंद्र चौबे, गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू, वनमंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्रकुमार, विधायक श्री मोहन मरकाम, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, लोक निर्माण विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी उपस्थित थे।।।।। कक्ष के सौंदर्यीकरण कार्य में छत्तीसगढ़ राज्य की लोकसंस्कृति, लोकनृत्य, बस्तर आर्ट एवं ग्रामीण परिवेश का बेहद खूबसूरती से समावेश किया गया है । मुख्यमंत्री के कक्ष में छत्तीसगढ़ महतारी की फोटो लगायी गयी है जो राज्य के प्रति प्रेम एवं श्रद्धा को दर्शाता है । सभा कक्ष में दीवार पर राज्य गीत ‘अरपा पैरी के धार..’ भी उकेरा गया है। कक्ष की दीवार पर गौर सींग, बस्तर की विश्व प्रसिद्ध बेल मेटल की आदिवासी लोकनृत्य करते हुये कलाकृतियां लगी हैं जिसमें हमारे राज्य की समृद्ध लोकसंस्कृति दिखती है । छत्तीसगढ़ राज्य वनों से आच्छादित एवं जैव–विविधता से परिपूर्ण है । इसलिये कक्ष के सौंदर्यीकरण में लगायी गयी तस्वीरों में वृक्षों, पशु-पक्षियों को प्रमुखता से दिखाया गया है ।
कक्ष की दीवारों पर गाय-बैलों की जोड़ी की तस्वीर भी लगायी गयी है क्योंकि छत्तीसगढ़ राज्य में गाय आस्था का प्रतीक तो है ही साथ ही यहां के किसानों द्वारा की जाने वाली खेती में बैलों का अलग ही महत्व है । गोवर्धन पूजा के दिन किसान गाय- बैलों को सजाकर पूजा भी करते हैं। कक्ष के दरवाजों को पारंपरिक ग्रामीण परिवेश की तरह बनाया गया है । विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय कक्ष के सौंदर्यीकरण में मुख्यमंत्री कक्ष के अतिरिक्त एक मीटिंग रूम, दो कॉमन पैसेज भी सुसज्जित किये गये हैं ।
कार्यालय कक्ष के भीतर जलने वाले लाइट को लैंप के भीतर लगाया गया है। बस्तर के प्रसिद् गौर नृत्य में इस्तेमाल किए जाने वाले गौर मुकुट को लैंप की तरह इस्तेमाल किया गया है और इसके भीतर बल्ब लगाया गया है जो बस्तर में उपस्थित होने का अहसास दिलाता है। मुख्यमंत्री के कार्यालय कक्ष में बेल मेटल की कलाकृतियों की तस्वीरें लगायी गयी हैं, इसके अलावा सूर्य के आकार में दो कलाकृतियां लगायी गयी हैं जिसमें किरणों के स्थान पर नृत्य करते हुए ग्रामीणों को दर्शाया गया है। मुख्यमंत्री की कुर्सी के पीछे छत्तीसगढ़ शासन का लोगो लगाया गया है। मुख्यमंत्री के विधानसभा स्थित कार्यालय कक्ष को पूरी तरह से ग्रामीण परिवेश में ढालने की कोशिश की गयी है ताकि यहां पर संपूर्ण छत्तीसगढ़ की संस्कृति की झलक मिलती रहे। मुख्यमंत्री के कार्यालय कक्ष के सौंदर्यीकरण कार्य लोक निर्माण विभाग द्वारा किया गया है।
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