Haemophilia-B: अब वायरस से होगा खून बहने का इलाज

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हीमोफीलिया-बी यानी रक्तस्राव की बीमारी का इलाज अब एक वायरस के जरिए हो सकेगा। ब्रिटिश चिकित्सकों ने शोधों के बाद दावा किया है कि वायरस के माध्यम में उन्होंने जन्म से ही हीमोफीलिया-बी से पीड़ित मरीज को पूरी तरह ठीक करने में सफलता पाई है।

लंदन के यूनिवर्सिटी कॉलेज के चिकित्सकों ने जन्म से हीमोफीलिया से जूझ रहे इलियट मैसन नामक व्यक्ति के लिए प्रयोगशाला में ट्रांसफॉर्मेशनल थेरैपी के जरिये एक ऐसा वायरस तैयार किया, जो शरीर में विशेष तरह का प्रोटीन बनाने में सक्षम है। यह वायरस एक माइक्रोस्कोपिक पोस्टमैन की तरह काम करता है, जो फेफड़ों से होकर जो प्रोटीन को लिवर तक पहुंचाता है। इसके बाद शरीर में थक्के बनाने वाला प्रोटीन अपना काम शुरू कर देता है। इस वायरस को रोगी के शरीर में पहुंचाने में लगभग एक घंटे का समय लगा।

उसे रोजाना इसकी खुराक दी जाती थी। परीक्षण के दौरान यह थेरैपी पूरी तरह से कारगर रही। इसके बाद वह पूरी तरह से स्वस्थ है। दरअसल, रोगी के शरीर में एक विशेष प्रोटीन पर्याप्त मात्रा से अधिक था, जो क्लॉटिंग फैक्टर-9 बनाता है। फैक्टर-9 शरीर में बनने वाले क्लॉटिंग प्रोटीन में से एक है। यह चोट लगने पर अतिरिक्त खून के बहाव से बचाता है। इलियट को एक ऐसा वायरस दिया गया था, जो फैक्टर-9 में मौजूद नहीं था। चिकित्सकों के मुताबिक, इस थेरैपी की मदद से अगले तीन वर्षों में हीमोफीलिया वाले अधिकांश युवा वर्ग को ठीक किया जा सकता है।


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