पीएसीएल की संपत्तियां बेचने के लिए कोई भी अधिकृत नहीं, 31 अगस्त तक जमा कर सकते हैं दस्तावेज

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सेबी पैनल ने सोमवार को लोगों को आगाह किया है कि पीएसीएल की संपत्तियों को बेचने के लिए उसने किसी को जिम्मा नहीं दिया है। न ही किसी को अधिकृत किया है। इसलिए कोई भी इन संपत्तियों के साथ लेनदेन न करे। अपनी वेबसाइट पर इसने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि समिति ने किसी भी व्यक्ति या संस्थान को कोई भी पत्र या अधिकार नहीं दिया है। अगर कोई अवैध रूप से इन संपत्तियों को कब्जे में लेता है या बेचता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। सेबी ने दिसंबर, 2015 में पीएसीएल और इसके नौ मालिकों और निदेशकों की सभी संपत्तियों की कुर्की का आदेश दिया था। कंपनी निवेशकों का पैसा नहीं लौटा पाई थी।

31 अगस्त तक कर सकते हैं दावा

 सेबी ने पहले निवेशकों को 30 जून तक सभी कागजात जमा करने का आदेश दिया था। लेकिन इसे बढ़ाकर अब 31 अगस्त कर दिया गया है। इसके बाद कागजात जमा करने की तारीख नहीं बढ़ेगी। दावा पाने के लिए निवेशकों को मूल दस्तावेज सेबी के पास जमा कराना होगा। जब आपके पास एसएमएस आएगा, तभी आप इसे कर सकते हैं। फिलहाल 10 से 15 हजार रुपये के निवेशकों को ही यह रकम मिलेगी। इन्हीं का कागजात का सत्यापन किया जा रहा है। अगर आपका पीएसीएल की पॉलिसी वाला मोबाइल नंबर अब नहीं काम कर रहा है तो आप ऑनलाइन मोबाइल नंबर बदल सकते हैं।

60000 करोड़ रुपये जुटाई थी कंपनी

पीएसीएल ने गैरकानूनी सामूहिक निवेश योजनाओं (सीआईएस) के जरिये 18 साल में आम लोगों से 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की रकम जुटाई थी। यह कृषि और रियल एस्टेट कारोबार के नाम पर लोगों से पैसा ली थी। उच्चतम अदालत (सुप्रीमकोर्ट) के आदेश के बाद सेबी ने 2016 में पूर्व जज आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में समिति बनाई थी। यही समिति निवेशकों को चरणबद्ध तरीके से रकम लौटाने की प्रक्रिया शुरू की है।


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